बीपी फूड प्रबंधक की हठधर्मी से गौवंश एवं राहगीरों की बढ़ी परेशानी

भिण्ड, 22 मई। औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर में आटा बनाने वाली बीपी फूड कंपनी के प्रबंधकों की हठधर्मिता से निकलने वाला कचरा, पन्नी, सड़े-गले बदबूदार आटा, गेहूं रोड पर फेंक रहे हैं। जिससे गौवंश को हो रहा है नुकसान के साथ निकलने वाले राहगीरों, आमजन को विभिन्न संक्रमण जैसी बीमारियां खुलेआम आमंत्रण दे रही हैं। परंतु प्रदूषण विभाग एवं खाद्य अधिकारी मूक दर्शक बने अनसुना करते दिखाई दे रहे हैं।

इस आशय की शिकायत राष्ट्रीय गौ रक्षक संघ द्वारा गत 19 मई को थाना प्रभारी मालनपुर को दिए शिकायती पत्र में बीपी फूड कंपनी के प्रबंधकों के खिलाफ की गई है। इसमें कंपनी के प्रबंधकों खिलाफ फैक्ट्री के सामने रोड के किनारे सड़ा-गला, बदबूदार कचरा देखकर जिला कलेक्टर एवं क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। अधिकतर देखा जाता है कि फैक्ट्री प्रबंधक संचालक की हठधर्मिता एवं लापरवाही का खामियाजा बेजुबान गौवंश को झेलना पड़ रहा है, इसके साथ ही मानव जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता दिखाई दे रहा है। संक्रमण जैसे टीवी, अस्थमा, फेफड़ों, श्वांस नली में इन्फेक्शन होने से मानव समाज के लोगों को मौत के गाल में जाना पड़ता है। इसी तरह बीपी फूड कंपनी द्वारा रोड और नाले में फेंका जाने वाला गौवंश फूड के झुण्ड आटा से लिपटी पन्नी पॉलिथीन इत्यादि सड़ी-गली वस्तुओं को फैक्ट्री के बाहर फेंकने से कई गौवंश काल के गाल में समा गई। इस उद्योग क्षेत्र में घूम रहे आवारा गौवंश की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है, सरकार द्वारा गौवंश के रख-रखाव जीवन-यापन के लिए झूठे वादे साबित होते दिखाई दे रहे हैं, प्रशासन द्वारा गौवंश एवं रास्तागीर आदमी के लिए फैक्ट्री प्रबंधक को पर कोई अंकुश नहीं लगाया जाता। फूड अधिकारी एवं गोहद प्रशासन के साथ-साथ प्रदूषण विभाग भी अनदेखी करते नजर आते हैं। स्थानीय जनता ने मप्र सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि बीपी फूड आटा बनाने वाली जैसी अन्य कंपनियों पर शीघ्र अंकुश नहीं लगाया तो इस तरह का सड़ा-गला कचरा डालने वाली कंपनियों के खिलाफ शीघ्र आंदोलन होगा।

इनका कहना है-

सड़ा गला बदबूदार पन्नी, आटा बेजुबान गौवंश के खाने से पेट में जमा हो जाती है, इससे इंफेक्शन होकर पशुओं की मौत का कारण बन सकता है।
डॉ. शैलेन्द्र सिंह सिसोदिया, पशु चिकित्सक मालनपुर

सड़े गले बदबूदार कचड़ा रोड पर डालने से मानव को श्वांस द्वारा संक्रमण होकर अस्थमा, फेफड़ों की नुकसान पहुंचाना जीवन के लिए घातक है। इस पर कार्रवाई होना अति आवश्यक है।
डॉ. एमएस तोमर, आरोग्य स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी, मालनपुर