नाबालिगा से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष सश्रम कारावास

सागर, 17 मई। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश जिला सागर श्रीमती ज्योति मिश्रा के न्यायालय ने नाबालिगा को शादी का झांसा देकर भगा ले जाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी कमलेश पटैल को दोषी करार देते हुए लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(एल), सहपठित धारा 6 के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास व आठ हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। न्यायालय ने पीडि़ता के पुर्नवास के लिए उसे क्षतिपूर्ति के रूप में युक्तियुक्त प्रतिकर दो लाख रुपए दिए जाने का आदेश भी दिया है। मामले की पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी धर्मेन्द्र सिंह तारन ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता (बालिका के भाई) ने थाना सिविल लाइन में रिपोर्ट लेख कराई कि 23 सितंबर 2020 को रात करीब 11 बजे वह और उसके परिवार के लोग खाना पीना करके सो गए थे, उसकी बहन (पीडि़ता) मां के साथ सोने चली गई थी। उसकी मां ने 24 सितंबर 2020 को रात करीब तीन बजे उसे जगाकर बताया कि पीडि़ता घर पर नहीं है, कहीं चली गई है, तब उसने एवं परिवार के लोगों ने आस-पास मोहल्ले एवं रिश्तेदारों में फोन लगाकर तलाश किया, कहीं पता नहीं चला। तत्पश्चात पीडि़ता का हुलिया दर्शित करते हुए किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बहला फुसलाकर ले जाने संबंधी शंका व्यक्त की। सात नवंबर 2020 को पीडि़ता के दस्तयाब होने पर उसने बताया कि आरोपी कमलेश उसे बहला फुसलाकर शादी करने का कहकर भगाकर भोपाल ले गया, जहां किराये के मकान में रखा और 28 सितंबर 2020 को एक मन्दिर में उसके साथ शादी कर कोटा राजस्थान लेकर चला गया, वहीं झुग्गी में उसे रखकर लगातार उसके साथ शारीरिक संबध्ंा बनाता रहा। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना सिविल लाइन पुलिस ने धारा 120बी, 363/120बी, 366/120बी, 376(2)(एन) भादंसं एवं धारा 5एल/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।