दूरसंचार क्षेत्र में भारत के बढ़ते कदम

17 मई : विश्व दूरसंचार दिवस पर विशेष

– आशुतोष भारद्वाज


दूरसंचार क्षेत्र भारत में सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है। यह क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों में नवाचार के एक नए दौर से से गुजर रहा है। दूरसंचार क्षेत्र ने देश के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे में मजबूत स्थिति ग्रहण कर ली है। विभिन्न रिपोर्ट के अध्ययनों ने देश के विकास और इंटरनेट एवं मोबाइल सेवा के मध्य सकारात्मक संबंध को दिखाया है। दूरसंचार क्षेत्र ने समाज को एक नया परिद्रश्य प्रदान किया है। इस क्षेत्र के माध्यम से आम आदमी ने भारत के समग्र सामाजिक आर्थिक विकास में मदद की है। देश के नीतिगत ढांचे ने भी इस क्षेत्र के विकास को सुगम बनाया है। भारत सरकार ने दूरसंचार क्षेत्र में तेजी से सुधार किए हैं और दूरसंचार कंपनियों के विकास के लिए जगह उपलब्ध कराने में सक्रिय रहना जारी रखा है।
चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार बाजार बन गया है। भारत में दूरसंचार क्षेत्र मे अनुसंधान एवं विकास नवाचार को बढ़ावा देने और भारत में दूरसंचार क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए भारत सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया कार्यक्रम, राष्ट्रीय डिजिटल दूरसंचार नीति-2018 आदि जैसे प्रमुख कदम उठाए हैं। भारत देश में एक अक्टूबर 2022 को 5जी सेवा का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था। जिसके साथ भारत में बेहद तेज मोबाइल इंटरनेट युग की शुरुआत भी हो चुकी है। 5जी प्रौद्योगिकियों के आगमन के साथ दूरसंचार का भविष्य आशा जनक प्रतीत होता है। 5जी के विकास से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एम2एम, क्वांटम कंप्यूटिंग, वर्चुअल रियलिटी आदि जैसे नवीन प्रौद्योगिकी एवं उनके अनुप्रयोग सामने आए हैं। 5जी व्यापार के नए अवसर प्रदान कर रहा है क्योंकि यह एक अभूतपूर्व वेग और अपार मात्रा में डाटा उत्पन्न करता है । 5जी से लगभग सभी उद्योग क्षेत्रों के लिए आर्थिक लाभहोने की संभावना है जिससे उन्हें एक असाधारण विकास पथ पर गति मिलेगी। भारत के सूचना मंत्रालय के मुताबिक 2035 तक देश की अर्थ व्यवस्था पर 5जी का असर 450 अरब डॉलर तक होगा। कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियां से लडऩे मे दूरसंचार क्षेत्र ने निर्बाध कनेक्टिविटी बनाए रखने और सेवाओं तक निर्बाध पहुंच को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जिसमें घर से काम, कहीं से भी काम, बैंकिंग, शिक्षा, मनोरंजन आदि भी शामिल है। महामारी के दौरान दूरसंचार नेटवर्क में एक पीढ़ीगत बदलाव लाया गया है और यह उम्मीद की जाती है कि दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों सहित सभी को सुगम, उच्च गति कनेक्शन प्रदान करने के लक्ष्य की दिशा में यह नया प्रोत्साहन भविष्य में डिजिटल समावेशन का मार्ग प्रशस्त करेगा।
भारत देश ने दूरसंचार क्षेत्र ने हाल के वर्षों में कई नवाचार किए हैं, जिससे भारत इस क्षेत्र ने अपनी नई पहचान बनाने मे सफल हुआ है। वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (पीएम-वाणी) के तहत सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क के माध्यम से ब्रॉडबैण्ड के प्रसार के लिए यह ढांचा एक मजबूत डिजिटल संचार अवसंरचना बनाने के राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति, 2018 (एनडीसीपी) के लक्ष्य को आगे बढ़ाता है। पीएम-वाणी ढांचे में सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट प्रदाताओं के माध्यम से ब्रॉडबैण्ड के प्रावधान की परिकल्पना की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में दूरसंचार अभी भी शहरी क्षेत्रों की तुलना में कम है। ‘भारतनेट’ नामक प्रमुख योजना के माध्यम से अपने 6 लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैण्ड द्वारा कनेक्ट करने पर लक्षित विश्व की सबसे बड़ी ग्रामीण ऑप्टिकल फाइबर रोलर पर योजना शुरू की है। 5जी, क्लाउड, आईओट्टी और डाटा एनालिटिक्स सहित क्रांतिकारी प्रौद्योगिकियों का विस्तार अपने कार्य को गति देने और इसे दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंचाने के बीच सामंजस्य स्थापित करने के अवसरों के नए द्वार खुलेंगे। बढ़ती उपभोक्ता अपेक्षाओं के साथ के फायदे आईओट्टी बाजार के तेजी से विकास को गति दे रही है। भारत सरकार 100 स्मार्ट सिटी परियोजना को विकसित कर रहा है जहां आईओट्टी उन शहरों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा दूरसंचार इस बाजार में कनेक्टिविटी और समाधान मुहैया कराने में अहम भूमिका निभा रहा है।
संचार साथी पोर्टल जिसका शुभारंभ कल ही संचार मंत्री अश्वनी वैष्णव ने किया है। यह पोर्टल मोबाइल ग्राहकों को सशक्त बनाने, उनकी सुरक्षा को मजबूत करने और सरकार की नागरिक केन्द्रित पहलों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए दूरसंचार विभाग की एक नागरिक केन्द्रित पहल है। संचार साथी नागरिकों को उनके नाम पर जारी किए गए मोबाइल कनेक्शनों के बारे में जानने, उनके लिए आवश्यक कनेक्शनों को डिस्कनेक्ट करने, खोए हुए मोबाइल फोन को ब्लॉक/ ट्रेस करने और नया/ पुराना मोबाइल फोन खरीदते समय उपकरणों की वास्तविकता की जांच करने की अनुमति देकर उन्हें सशक्त बनाता है। संचार साथी में सीईआईटी, टेफकोप आदि जैसे विभिन्न मॉड्यूल शामिल हैं। सीईआईआर मॉड्यूल खोए/ चोरी हुए मोबाइल उपकरणों का पता लगाने की सुविधा प्रदान करता है। यह सभी दूरसंचार ऑपरेटरों के नेटवर्क में खोए/ चोरी हुए मोबाइल उपकरणों को ब्लॉक करने की सुविधा भी देता है ताकि भारत में खोए/ चोरी हुए उपकरणों का उपयोग नहीं किया जा सके। यदि कोई अवरुद्ध मोबाइल फोन का उपयोग करने का प्रयास करता है, तो उसकी पता लगाने की क्षमता उत्पन्न हो जाती है। एक बार मोबाइल फोन मिल जाने के बाद इसे नागरिकों द्वारा इसके सामान्य उपयोग के लिए पोर्टल पर अनब्लॉक किया जा सकता है। टेफकोप मॉड्यूल एक मोबाइल सब्सक्राइबर को उसके नाम पर लिए गए मोबाइल कनेक्शन की संख्या की जांच करने की सुविधा देता है। यह उन मोबाइल कनेक्शनों की रिपोर्ट करने की सुविधा भी देता है जिनकी या तो आवश्यकता नहीं है या सब्सक्राइबर द्वारा नहीं लिया गया है। इसके अलावा, कीप योरसेल्फ अवेयर सुविधा अंतिम उपयोगकर्ता सुरक्षा, दूरसंचार और सूचना सुरक्षा से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर नवीनतम अपडेट और जागरुकता सामग्री प्रदान करती है। नो योर मोबाइल ऐप के माध्यम से आप अपने मोबाइल डिवाइस की वैधता को खरीदने से पहले भी देख सकते हैं। सरल संचार पोर्टल (पंजीकरण और लाइसेंस के लिए सरलीकृत आवेदन) विभिन्न प्रकार के लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक वेब आधारित पोर्टल, दूरसंचार विभाग द्वारा विभिन्न डिजिटल पहलों का हिस्सा है। यह डिजिटलीकृत तरीके से विभिन्न प्रकार के लाइसेंस और पंजीकरण जारी करने के लिए एक एकीकृत पोर्टल है जो न केवल पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा बल्कि प्रक्रिया को और अधिक कुशल बनाएगा। यह विभिन्न आवेदकों के लिए एक पेपरलेस, सुरक्षित और परेशानीमुक्त मंच के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा।
देश में दूरसंचार विभाग द्वारा एक ऐसा इंटीग्रेटेड अलर्ट सिस्टम तैयार किया गया है जिसमें आकाशीय बिजली गिरने या तूफान जैसी आने वाली आपदा के बारे में लोगों के मोबाइल पर सीधे संदेश भेजा जा सकेगा। समय रहते इस जानकारी के लिए लोगों को मौसम विभाग या जिला प्रशासन पर निर्भर नहीं रहना होगा। अमेरिका जर्मनी इटली कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के बाद भारत विश्व का छठा ऐसा देश है जिसके पास ऐसी चेतावनी प्रणाली है। दूरसंचार क्षेत्र में तैयार की गई इस तकनीक का कोरोनाकाल में संदेशों को भेजने के लिए इस्तेमाल परीक्षण के तौर पर किया गया था और देखा गया था कि पृथकवास केन्द्रों (क्वारेंटाईन सेंटर) के लोग इलाके के बाहर तो नहीं जा रहे, इसका पता लगाया गया था।
पिछले कुछ सालों में भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है। जबकि सरकारी सुधारों और पहलों ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, उद्योग इस उल्लेखनीय विकास का प्रमुख चालक रहा है। दूरसंचार विभाग दूरसंचार क्षेत्र के विकास और डिजिटल अर्थ व्यवस्था के विकास के लिए एक एनाबेलर की भूमिका निभाने का प्रयास कर रहा है। दूरसंचार विभाग ने व्यवसाय करने में आसानी लाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। यह एक वातावरण प्रदान करने का प्रयास रहा है, जो निष्पक्ष और पारदर्शी हो, प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करता हो, सभी सेवा प्रदाताओं के लिए एक स्तर का मैदान प्रदान करता हो, उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करता हो और तकनीकी लाभ प्राप्त करने के लिए हरएक को सक्षम बनाता है। दूरसंचार क्षेत्र का खराब वित्तीय स्वास्थ्य एक बड़ी चुनोती है। इस क्षेत्र में सकल राजस्व में भारी गिरावट आई है, जिसमें एनपीए की अच्छी संख्या और विकास के लिए धन की कमी है, हालांकि हाल ही में सूप्रीम कोर्ट के फैसले ने इसके विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। इसी प्रकार डाटा का सरंक्षण करना एवं साइबर हमलों से बचना भी एक बड़ी चुनौती है। भविष्य में दूरसंचार में इन क्षेत्रों में भी हमें जल्द ही मजबूत बनना होगा।

(लेखक- सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी- डॉट), दूरसंचार विभाग, भारत सरकार मे वरिष्ठ अनुसंधान अभियंता के पद पर कार्यरत हैं)