कलयुग में श्रीमद् भागवत कथा सुनने से होता कल्याण : प्रदीप शास्त्री

ग्राम वेहटा में चल रहा है 51 कुण्डीय श्रीविष्णु महायज्ञ में श्रीमद् भागवत कथा

भिण्ड, 15 मई। कलयुग में श्रीमद् भागवत ही सर्वोत्तम ग्रंथ है, जिसको श्रवण मात्र करने से मानव का कल्याण होना निश्चित है। यह बात दबोह क्षेत्र के ग्राम वेहटा में श्रीसिद्ध बाबा आश्रम पर सतगुरु स्वामी विद्यातीर्थ महाराज के सानिध्य में चल रहे 51 कुण्डीय श्रीविष्णु महायज्ञ में श्रीमद् भागवत कथा का वाचन कर रहे भागवताचार्य पं. प्रदीप शर्मा शास्त्री ने कही।
पं. प्रदीप शर्मा ने बताया कि श्रीमद् भागवत महापुराण में 18 हजार श्लोक 335 अध्याय एवं 12 स्कंध हैं, भागवत नारायण के मुख से प्रकट भारतीय सर्वोत्तम सद ग्रंथ है, जो सुनता है उसका कल्याण निश्चित है। उन्होंने भगवान के अवतारों का निरूपण करते हुए भगवान के 24 अवतार बताए, द्वापर युग में व्यास जी ने इस ग्रंथ की रचना सर्वजन हिताये सर्व जन सुखाये के लिए की थी, इसलिए भागवत सुनना चाहिए, इससे चित्त भगवान की ओर जाता है।
शास्त्री ने बताया कि जब राजा परीक्षत को श्राप लगा तो भगवान स्वयं शुक्र रूप में आए और राजन का कल्याण कथा सुनाकर किया। जब लोगों पर संकट पड़ता है तो लोग भगवान को याद करते हैं और संकट दूर हो जाने पर भूल जाते हैं, आज का मानव स्वार्थी होता जा रहा है जो अपने स्वार्थ के कारण भगवान को भी नजर अंदाज कर देता है। इसलिए सतत ईश्वर का स्मरण करते रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि भागवत में दो चरित्र श्रेष्ठ है रामचरित और कृष्ण चरित्र, दोनों से हमें यह शिक्षा मिलती है कि राम चरित्र मे हमें मर्यादा में रह कर जीवन जीने की शिक्षा देता है और कृष्ण चरित्र में हमें कर्म करने की शिक्षा मिलती है।