पशु आहार के रूप समस्त प्रकार के चारे पर भिण्ड जिले की सीमा के बाहर निर्यात पर प्रतिबंध

भिण्ड, 23 अप्रैल। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी डॉ. सतीश कुमार एस ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत एवं मप्र चारा (निर्यात नियंत्रण) आदेश 2000 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए पशु आहार के रूप में उपयोग में लाने वाले समस्त प्रकार के चारे- घास, भूसा, ज्वार के बंडल, धान के डंठल एवं पशुओं द्वारा खाये जाने वाले अन्य किस्म के चारे पर भिण्ड जिले की सीमा के बाहर निर्यात पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा है कि उप संचालक पशु पालन एवं डेयरी विभाग भिण्ड द्वारा जिले में पशुधन की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए ग्रीष्म काल में चारा की उपलब्धता सुनिश्चित कराने हेतु जिले की सीमा के बाहर पशु चारा निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने का अनुरोध किया गया है।
उप संचालक पशु पालन एवं डेयरी विभाग भिण्ड एवं अन्य स्त्रोतों से जानकारी के आधार पर मुझे यह संतुष्टि होती है कि ग्रीष्म काल में भिण्ड जिले में पशुधन के लिए चारे की उपलब्धता आवश्यक है। यदि भिण्ड जिले की सीमा के बाहर जिले से पशु चारा निर्यात प्रतिबंधित नहीं किया जाता तो जिले में पशुधन के चारे की कमी तथा चारे के बाजार मूल्य में अत्यधिक बृद्धि होना संभावित है। ऐसी स्थिति में पशुओं के चारे के बिना भूखे रहने की स्थिति निर्मित हो सकती है। इस कारण भिण्ड जिले की सीमा के बाहर जिले से पशु चारा, भूसा आदि निर्यात किये जाने पर अंकुश लगाए जाने हेतु प्रतिबंधात्मक आदेश प्रसारित किया जाना अत्यावश्यक है। चूंकि उपरोक्त परिस्थितियों के निवारणार्थ एवं उपचारार्थ तत्काल रूप से प्रतिबंधात्मक आदेश प्रसारित किया जाना आवश्यक है। ऐसी स्थिति में सभी प्रभावित व्यक्तियों या संबंधित प्रत्येक व्यक्ति को व्यक्तिश: सूचना देकर सुना जाना संभव नहीं है। अत: यह आदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के प्रावधानों के अंतर्गत एकपक्षीय रूप से पारित किया जाता है।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने आदेश जारी कर कहा है कि कोई भी कृषक, व्यापारी, व्यक्ति, निर्यातक उपरोक्तानुसार किसी भी प्रकार के पशुचारे का किसी भी वाहन, मोटर, रेल, यान अथवा पैदल जिले के बाहर उप संचालक पशु पालन एवं डेयरी विभाग जिला भिण्ड की अनुज्ञा पत्र के बिना निर्यात नहीं करेगा। उप संचालक पशु पालन एवं डेयरी विभाग जिला भिण्ड उपरोक्तानुसार पशुचारे की उपलब्धता एवं मूल्य का आंकलन करते हुए निर्णय लेंगे। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया जाता है। आदेश का उल्लंघन की दशा में संबंधित के विरुद्ध धारा 188 भादंसं तथा अन्य अधिनियमों के तहत दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी।