न्यायालय ने आरोपियों पर पांच-पांच हजार का अर्थदण्ड भी लगाया
सागर, 20 अप्रैल। विशेष न्यायाधीश (अंतर्गत धारा 36(1) स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर श्री अब्दुल्लाह अहमद की अदालत ने ट्रेन से गांजे की तस्करी करने वाले आरोपी रवि यादव एवं राहुल शाह को दोषी करार देते हुए स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 की धारा 20(इ)(2)(बी) के तहत तीन-तीन वर्ष का कठोर कारावास एवं पांच-पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है एवं प्रकरण में एक अन्य सह-आरोपी दीपक सामंतों फरार है। मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक संजय कुमार पटैल ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि थाना जीआरपी सागर को 29 अगस्त 2019 को करीब 2:20 बजे मुखबिर के जरिये सूचना मिली कि उड़ीसा प्रांत का दीपक सामंतो अपने दो साथियों राहुल कुमार शाह एवं रवि यादव के साथ पुरी तरफ से आने वाली उत्कल एक्सप्रेस से सागर स्टेशन पर उतरे हैं एवं तीनों अपने बैगों में अवैध मादक पदार्थ गांजा रखे हैं। स्टेशन सागर के प्लेटफार्म नं.दो के पास नेम बोर्ड के पास किसी ग्राहक के इंतजार में खड़े हैं। उक्त सूचना के आधार पर मुखबिर के बताए स्थान पर हमराह स्टाफ के साथ घेराबंदी कर उन्हें पकड़ा गया और उनका नाम पता पूछने पर अपना नाम दीपक सामंतो, राहुल शाह एवं रवि यादव तीनों निवासी झोपड़ पट्टी राऊरकेला जिला-सुंदरगढ़, उड़ीसा का होना बताया। मौके पर साक्षियों के समक्ष संदेहियों की विधिक कार्रवाई उपरांत उनके बैगों की तलाशी लेने पर डंठल, हरी भूरी सूखी पत्ती, बीजयुक्त मादक पदार्थ गांजा पाया गया, जिसे सूंघकर एवं जलाकर चेक करने पर गांजे की गंध आ रही थी। आरोपी दीपक सांमतो के अधिपत्य से 11 किलो गांजा, आरोपी राहुल शाह के अधिपत्य से आठ किलो गांजा एवं रवि यादव के अधिपत्य से छह किलो गांजा पाया गया। सभी आरोपियों से कुल 25 किलो गांजा कीमत एक लाख 25 हजार रुपए का पाया गया। उक्त आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना जीआरपी सागर पुलिस द्वारा धारा 8/20 एनडीपीएस का अपराध आरोपियों के विरुद्ध दर्ज करते हुए विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (अंतर्गत धारा 36(1) स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर श्री अब्दुल्लाह अहमद के न्यायालय ने आरोपीगण को दोषी करार देते हुए उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।