भगवान नाम कलयुग में औषधि है : देवी संध्या जी

हिमाचल प्रदेश के खेरीधाम हमीरपुर में चल रही है श्रीराम कथा

खेरीधाम/हमीरपुर, 11 अप्रैल। भगवान नाम कलयुग में औषधि है। दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिष्ठा प्रेम के कारण होती है। जड़ में परमात्मा तक प्रकट होता है जब तुम्हारे अन्दर प्रेम होता है। यह उद्गार भागवताचार्य देवी संध्या जी ने हिमाचल प्रदेश के खेरीधाम हमीरपुर में चल रही श्रीराम कथा के आठवे दिन मंगलवार को व्यक्त किए। इस अवसर पर भारी संख्या में भक्तगण मौजूद रहे। यह कथा 12 अप्रैल बुधवार को अंतिम दिन सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक चलेगी।
देवी संध्या जी ने रामायण के अरण्य काण्ड की शुरूआत करते हुए कहा कि सूपर्णखां भगवान को पाना चाहती थी, किंतु उसका मार्ग गलत था। सूपर्णखां राम से विवाह करना चाहती थी, भगवान ने लक्ष्मण के पास भेज दिया। सूपर्णखां को लगा राम-लक्ष्मण शादी के लिए राजी नहीं हो रहे हैं, तो उसने अपना विकराल रूप धारण कर सीता मां पर हमला कर दिया, तब लक्ष्मण ने सूपर्णखां के नाक और कान काट लिए। नाक-कान कटने पर सूपर्णखां अपने भाई रावण पर पहुंचात है। जब खर-दूषण के मरने की खबर रावण को मिलती है तब वह समझ जाता है राम साधारण व्यक्ति नहीं हैं। रावण मारीच को भेजता है, वह मृग बनकर पहुंचता है। सीता मैया मृग को लाने की कहती हैं, तब राम मृग को लेने जाते हैं। राम जैसे ही तीर मृग पर छोड़ते हैं तो सीता जी के मुख से हाय लक्ष्मण निकलता है। यह शब्द सुनकर सीता मैया लक्ष्मण जी को राम जी के पास भेजती हैं। इधर रावण साधु के वेश में सीता मैया के पास भीख मांगने पहुंचता है। जैसे ही सीता मैया भिक्षा देने पहुंचती हैं, रावण उन्हें बंधन में ले लेता है। जटायु जैसे सीता मैया को देखता है तो रावण से सीता मैा को छुड़ाने का प्रयास करता है। अंत में रावण ने युद्ध के दौरान दोनों पर काट लिए, वैसे ही जटायु धराशायी हो गया। राम ने जटायु को अपनी गोद में ले लिया। जटायु ने राम के गोद में अपने प्राण त्याग दिए। जटायु ऐसा कर्म कर गया कि वह प्रभु का प्रिय हो गया। सीता को खोजते हुए रामजी शबरी के पास पहुंचे।

मेरी कुटिया के भाग्य आज जाग गाएंगे, राम आएंगे।
आएंगे-आएंगे राम आएंगे, मेरी कुटिया के भाग्य आज जाग जाएंगे।।

राम-सुग्रीव मित्रता, लंका दहन की लीला का वर्णन देवी जी द्वारा बहुत अच्छे ढंग से राम कथा के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। बुधवार 12 अप्रैल को रामजी का राजतिलक राम कथा के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा।