चुनावी व्यस्तता के बाद भी एसडीएम का स्कूली शिक्षण पर जोर

चुनावी व्यस्तता के बाद भी एसडीएम का स्कूली शिक्षण पर जोर

भिण्ड,लहार 26अप्रैल:- शुक्रवार को एसडीएम विजय सिंह यादव अचानक हायर सेकेंडरी स्कूल टोला पहुंचे जहां उन्होंने स्कूल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान शिक्षक सचिंद्र मोहन 12 अप्रैल से बिना सूचना के अनुपस्थित पाए गए। जब एसडीएम ने इसकी जानकारी प्राचार्य से ली तो उन्होंने बताया कि वह मेडिकल पर चले गए हैं। एसडीएम ने पूछा कि इस समय छुट्टी देने की शक्ति कलेक्टर के पास में है। आचार संहिता में यदि उन्होंने छुट्टी ली है, तो उनका सिकनेस सर्टिफिकेट बताएं। लेकिन ऐसा कोई दस्तावेज विद्यालय में उपस्थित नहीं मिला। शिक्षक वीरेंद्र भास्कर भी 23 अप्रैल से बिना सूचना के अनुपस्थित पाए गए। महिला शिक्षिका मनीषा जाटव भी बिना सूचना के शुक्रवार को अनुपस्थित पाई गई। शिक्षक राकेश भारद्वाज भी शुक्रवार को बिना सूचना के अनुपस्थित पाए गए। स्कूल में दर्ज लगभग 150 बच्चों में से एक भी बच्चा स्कूल में उपस्थित नहीं था। हैरानी की बात तो यह है कि विद्यालय में 6 अतिथि शिक्षक विभिन्न संकायों के पदस्थ हैं, लेकिन इन सभी 6 शिक्षकों जिनमें श्याम चरण उपाध्याय, अवध किशोर राठौड़, अविनाश द्विवेदी, मुकेश कुमार कुशवाहा, आशीष गुप्ता, वंदना परिहार कोई भी अतिथि शिक्षक विद्यालय में उपस्थित नहीं था। जब एसडीएम ने इसका कारण पूछा तो प्राचार्य जबाव नहीं दे पाए। जिस पर एसडीएम ने गंभीर नाराजगी व्यक्त करते हुए शिक्षक सचिंद्र मोहन का 15 दिन, शिक्षक वीरेंद्र भास्कर का 5 दिन, शिक्षिका मनीष जाटव का 5 दिन, शिक्षक राकेश भारद्वाज का 5 दिन का वेतन राजसात करने एवं अनुपस्थिति सभी 6 अतिथि शिक्षकों का 7-7 दिन का वेतन राजसात करने के निर्देश ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को दिए। मिडिल स्कूल टोला में पांचवी कक्षा के बच्चे ठीक से हिंदी नहीं पढ़ पाए। इसके बाद एसडीएम मिडिल स्कूल टोला पहुंचे। जहां अतिथि शिक्षका वंदना परिहार बिना सूचना के अनुपस्थित पाई गईं। जिनका 5 दिन का वेतन राजसात करने के निर्देश एसडीएम ने दिए। इसके बाद एसडीएम कक्षा में पहुंचे जहां कक्षा 1 से लेकर पांचवी तक के बच्चे एक साथ बैठे हुए थे। कुल आठ बच्चे कक्षा में उपस्थित थे। जब एसडीएम ने कक्षा 3 की छात्रा से सामान्य से हिंदी के शब्दों को पढ़ने के लिए कहा, तो वह बालिका हिंदी के शब्दों को नहीं पढ़ पाई। पांचवी के छात्र से एसडीएम ने 13 का पहाड़ा पूछा, तो वह नहीं सुन पाया। तब एसडीएम ने उपस्थित शिक्षिका एवं हेड मास्टर को बताया की शैक्षणिक तौर पर हमने इन बच्चों का बहुत नुकसान कर दिया है। पांचवी का यह बच्चा यदि आज हिंदी नहीं पढ़ पाया या इंग्लिश नहीं पढ़ पा रहा है, तो अब यह शायद आगे नहीं पढ़ पाएगा और इसके 100 फीसदी जिम्मेदार केवल हम लोग हैं और कोई नहीं। अतः हमारी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि हम पूरी निष्ठा से इन बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दें, ताकि कल यह देश के भविष्य निर्धारक बन सके।