भिण्ड मेले में स्थानीय कवि सम्मेलन आयोजित
नगर पालिका ने किया प्रमोद शुक्ल मंगल को सम्मानित
भिण्ड, 29 मार्च। ‘सिंहभवानी, तुलजा माता अगर सहाय नहीं होती। राणा, चेतक, हल्दीघाटी की बुनियाद नहीं होती।। बलिदानी रस्ते से बढक़र, कोई राह नहीं होती। उदय सिंह का वध होता, यदि पन्नाधाय नहीं होती।।’ त्याग और बलिदान की प्रतिमूर्ति मां पन्नाधाय पर केन्द्रित जब ये कविता डॉ. सुनील त्रिपाठी निराला ने पढ़ी तो निराला रंग विहार मेला पण्डाल में बैठे श्रोताओं की आंखें नम हो गईं। अवसर था नगर पालिका परिषद भिण्ड द्वारा मेला पण्डाल में आयोजित स्थानीय कवि सम्मेलन का। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. सुखदेव सिंह सेंगर मंचासीन रहे। अध्यक्षता शिवबहादुर सिंह शिव तथा संचालन डॉ. सुनील त्रिपाठी निराला भिण्ड ने किया।
कवि सम्मेलन के प्रारंभ में नगर पालिका के उपाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह भदौरिया, विधायक प्रतिनिधि सुनील वाल्मीकि, कार्यालय अधीक्षक राजेन्द्र श्रीवास्तव, पूर्व नपा उपाध्यक्ष रामनरेश शर्मा, कल्लू सिकरवार तथा उपस्थित अन्य गणमान्यजनों व कवियों ने सरस्वती का पूजन अर्चन कर माल्यार्पण किया तथा महाप्राण सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के चित्र पर माल्यार्पण किया। इसके उपरांत वरिष्ठ कवि तथा निराला रंगमंच की गरिमा को बहाल करने के लिए सतत प्रयासरत रहे प्रमोद शुक्ल मंगल का नगर पालिका द्वारा सम्मान किया गया। इस दौरान डॉ. शशिवाला राजपूत ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।
स्थानीय कवि सम्मेलन में प्रमोद शुक्ल मंगल, डॉ. सुखदेव सिंह सेंगर, महावीर जैन तन्हा, किशोरीलाल जैन बादल, शिवबहादुर सिंह शिव, दशरथ सिंह कुशवाह, प्रदीप वाजपेई युवराज, ऋतुराज वाजपेयी, आचार्य गजेन्द्र सिंह कुशवाह, विनायक तिवारी, राजेश मधुकर, डॉ. शिवेन्द्र सिंह शिवेन्द्र, चन्द्रशेखर कटारे, कृष्णा शर्मा चिराग, मनोज स्वर्ण, अंजुम मनोहर, रविन्द्र तिवारी, सत्येन्द्र सिंह, हसरत अली, मुकेश शर्मा, राइन अजनबी, धर्मेन्द्र त्रिपाठी, आशुतोष शर्मा नंदू, ईशु त्रिपाठी ने कविता पाठ किया। अंत में नगर पालिका उपाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह भदौरिया कवियों को सम्मानित करने के साथ-साथ आभार व्यक्त किया।