जहां रामचरितमानस का पाठ होता है वहां स्वयं हनुमानजी का वास होता है : शशिभूषण दास

ग्राम बरहा में चल रहा है श्रीराम चरित मानस सम्मेलन

भिण्ड, 18 मार्च। कलयुग में जितना ज्यादा हो सके धर्म के साथ साथ भगवान का भजन करना चाहिए। क्योंकि धर्म के प्रभाव से पाप नहीं ठहरता है। यह उद्गार लहार क्षेत्र के ग्राम बरहा में पहलवान उपाध्याय दाऊ परिवार के सानिध्य में चल रहे रामचरित मानस सम्मेलन के दूसरे दिन प्रवचन करते हुए कथा व्यास पं. स्वामी शशिभूषण दास महाराज ने व्यक्त किए। मंच संचालक ईश्वर दयाल मिश्रा ने किया।
उन्होंने कहा कि जहां रामचरित मानस का पाठ होता है वहां स्वयं हनुमानजी का वास होता है, कलयुग में राम के नाम बिना हमारा घर व आंगन सूना है, राम के नाम के बिना सब जग सूना, मन्दिर सूना, इस युग में ईश्वर के प्रति आस्था की कोई पुजारी आकर ज्योति जलाए और कोई राम से मोह मिलाये। यह मानव का शरीर में घर प्रभू का है, इसलिए इस मानव रूपी घर में ईश्वर को समाहित करो तभी व्यक्ति का कल्याण होगा, ईश्वर इस संसार में सभी ब्याधियों से छुटकारा दिलाता है।
जहां रामचरित मानस का गान होता है वहां कभी अमंगल नहीं होता : सोनम देवी
रामचरित मानस में दतिया पीतांबरा पीठ से पधारी मानस मंजरी सोनम देवी जी ने कहा कि जिस क्षेत्र में रामचरित मानस गान होता है वहां कभी अमंगल नहीं हो सकता। क्योंकि जहां रामचरित मानस गान होता है वहां हनुमानजी निवास करते हैं और जहां हनुमानजी रहते है वहां अमंगल कभी हो ही नहीं सकता।
संकट ते हनुमान छुड़ावै : रमेशदास महाराज
पूज्य श्री रामेश दासजी महाराज ने कहा कि हनुमान जी की कृपा से सुग्रीव भगवान रामजी से मिल पाए थे। जिस पर शनि की बक्र दृष्टि हो वो हनुमानजी की शरण में जाए उसका शनि कुछ नहीं बिगाड़ सकते। उन्होंने कहा कि पुत्र प्रेम, पत्नी प्रेम, परिवार प्रेम से बड़ा प्रेम है राष्ट्रप्रेम, अगर राष्ट्रप्रेम सुरक्षित है तो सभी प्रेम बने रहेंगे। बिना भगवन के भजन के बिना किसी जीव का कल्याण होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि आग जिस लकड़ी में लगती है पहले उसी को जलती है, क्रोध जो करता है प्रथम उसी को जलन पड़ता है।
इस मौके पर दाउ परिवार के मुखिया पहलवान उपाध्याय दाऊ ने सभी भक्तों से आग्रह किया कि अधिक से अधिक संख्या में कथा में पहुंचकर कथा रसपान कर अपने जीवन को सफल बनाएं।