किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वाले आधा दर्जन आरोपियों को सात-सात वर्ष की साज

आरोपियों ने धान खरीदी में किसानों के साथ किया था पांच करोड़ 76 लाख का घोटाला
न्यायालय ने आरोपियों पर 25-25 हजार का जुर्माना भी लगाया

भोपाल, 19 जनवरी। विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) जिला भोपाल श्री संदीप कुमार श्रीवास्तव के न्यायालय ने धान खरीदी में किसानों के साथ पांच करोड़ 76 लाख की धोखाधड़ी करने वाले आरोपीगण आशीष गुप्ता (धान व्यापारी) निवासी- ए75, सत्यज्ञान नगर, छोला मन्दिर भोपाल, विनय प्रकाश पटेरिया (मण्डी सचिव) निवासी मकान नं.35, कादम्बनी परिसर बाग मुगालिया भोपाल, राजेश राय निवासी 105 चौपड़ा मोहल्ला जिला रायसेन, रामस्वरूप राय निवासी ग्राम खरबई, थाना उमरावगंज, जिला रायसेन, महेश अग्रवाल निवासी मंदाकिनी शिर्डीपुरम कोलार रोड भोपाल एवं सुनील गुप्ता को धारा 420, 120बी भादंवि में प्रत्येक आरोपी को सात-सात वर्ष के सश्रम कारावास एवं 25-25 हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक आशीष त्यागी एवं डीके आर्य ने की।
जनसंपर्क अधिकारी भोपाल संभाग मनोज त्रिपाठी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि अनाज मण्डी करोंद के व्यापारी आशीष गुप्ता मेसर्स सियाराम ट्रेडर्स ने मण्डी क्षेत्र एवं गांव में जाकर किसानों से धान की खरीदी की एवं उनसे खरीदी गई धान का भुगतान न करते हुए उन्हें चेक दिए जो कि बाउंस हो गए। किसानों द्वारा भुगतान न होने की शिकायत करोंद मण्डी में तथा थाना निशातपुरा में की गई। थाना निशातपुरा द्वारा मण्डी सचिव प्रदीप मलिक की शिकायत पर अपराध क्र.411/19 धारा 406, 420 में आशीष गुप्ता के विरुद्ध पंजीबद्ध कर विवचेना की गई। विवेचना के दौरान प्रकरण में अन्य आरोपीगण विनय प्रकाश पटेरिया (मण्डी सचिव), राजेश राय, रामस्वरूप राय, महेश अग्रवाल, सुनील गुप्ता, अरविंद परिहार, जीवन सिंह राजपूत, नारायण प्रसाद राजौरिया, रंजीत गोस्वामी, धमेन्द्र गुप्ता की अपराध में संलिप्तत्ता पाए जाने से एवं शासकीय कर्मचारी द्वारा भ्रष्टाचार संबंधी साक्ष्य आने से कुल 11 आरोपियों के विरुद्ध अभियोग पत्र धारा 420, 406, 409, 120बी भादंवि एवं धारा 7, 13(1)बी, 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम एवं धारा 49 मप्र कृषि उपज मण्डी अधिनियम 1972 के अपराध के लिए प्रस्तुत किया गया। उक्त प्रकरण में आरोपीगण ने किसानों के साथ छल करके कुल पांच करोड़ 76 लाख का घोटाला करके अपराध कारित किया था। न्यायालय ने विचारण के दौरान कुल 121 साक्षियों का परीक्षण कराया, जिसमें से 95 किसानों द्वारा साक्ष्य दी गई। उपरोक्त साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने प्रकरण के आरोपीगण आशीष गुप्ता (व्यापारी), विनय प्रकाश पटेरिया (मण्डी सचिव), राजेश राय, रामस्वरूप राय, महेश अग्रवाल, सुनील गुप्ता को दोषसिद्ध कर सजा सुनाई है।