रिश्वत की मांग करने वाले पटवारी को चार वर्ष की सजा

न्यायालय ने आरोपी पर कुल 20 हजार का जुर्माना भी लगाया

शाजापुर, 19 जनवरी। विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) जिला शाजापुर श्रीमती नीतूकांता वर्मा की अदालत ने आरोपी गोवर्धन सिंह केलकर पुत्र मदन सिंह उम्र 56 वर्ष पटवारी हल्का नं.19 ग्राम आम्बाबड़ौद, तहसील बड़ौद, जिला आगर मालवा को दोषी पाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 में तीन वर्ष सश्रम कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माना तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(1)बी, सहपठित धारा 13(2) में चार वर्ष सश्रम कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक जिला शाजापुर सचिन रायकवार ने की।
अभियोजन जिला मीडिया प्रभारी सचिन रायकवार ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी गोवर्धन सिंह केलकर ने 18 जुलाई 2017 व इसके पूर्व पटवारी हल्का नं.19 ग्राम आम्बाबड़ौद तहसील बड़ौद, जिला आगर मालवा में पटवारी के पद पर पदस्थ रहते हुए बस स्टेण्ड आगर में आवेदक कृपाल सिंह से उसके पिताजी के नाम की पांच बीघा कृषि भूमि ग्राम आम्बाबड़ौद एवं पांच बीघा कृषि भूमि ग्राम गुडबेली तथा उसके पिताजी के भाईयों के शामिल खाता की नौ बीघा कृषि भूमि का नामांतरण उसके व उसके भाईयों दिलीप सिंह व चन्द्रपाल सिंह तथा माताजी मुन्नाबाई के नाम से करने हेतु छह हजार रुपए रिश्वत की मांग की। तत्पश्चात 20 जुलाई 2017 को शाम सात से आठ बजे के मध्य सब्जी मण्डी चौराहा आगर में नामांतरण हेतु दो हजार रुपए आवेदक कृपाल सिंह से आरोपी पटवारी गोवर्धन ने रिश्वत राशि प्राप्त की। लोकायुक्त पुलिस उज्जैन के द्वारा संपूर्ण अनुसंधान पश्चात चालान विशेष न्यायालय शाजापुर में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय के समक्ष विशेष लोक अभियोजक सचिन रायकवार ने लिखित में अंतिम तर्क भी प्रस्तुत किए। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुए न्यायालय ने आरोपी को दण्डित किया है। प्रकरण में ट्रेप कार्रवाई उपपुलिस अधीक्षक संजय जैन विपुस्था लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन द्वारा की गई थी।