सेवार्थ पाठशाला के बच्चों का जैन धर्म तीर्थ स्थल का किया भ्रमण

ग्वालियर, 02 जनवरी। शहर में झुग्गी झोपड़ी एवं निम्न आय वर्ग के बच्चों के लिए चल रही सेवार्थ पाठशाला के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के लिए समय-समय पर सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, शैक्षणिक भ्रमण समाज के सहयोग से करवाए जाते रहे हैं।
नववर्ष के शुभ अवसर पर सेवार्थ पाठशाला के शिक्षक एवं चयनित बच्चों को दतिया जिले में स्थित सोनागिर जैन धर्म तीर्थ स्थल दुनिया में जैन धर्म के दिगंबर और श्वेतांबर जैन अनुयायियों के लिए प्रमुख तीर्थ माना जाता है। तीसरी शताब्दी से लेकर आज तक यहां विभिन्न जैन मुनियों ने सत्य, अहिंसा, अस्तेय, अपरिग्रह और ब्रह्मचारी के पंचशील सिद्धांत को अपने जीवन और आचरण से मानवता हेतु एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। सेवार्थ पाठशाला के शिक्षकों और बच्चों द्वारा जिला प्रशासन से एसडीएम ग्वालियर सीबी प्रसाद के द्वारा उपलब्ध साधन से इस तीर्थ स्थल का भ्रमण एक जनवरी को किया गया। इस जैन तीर्थ के भ्रमण का उद्देश्य बच्चों में शांति, त्याग, सेवा और हमारे देश के अध्यात्मिक दर्शन को समझने का एक प्रयास था।

करेरा में संचालित पाठशाला के शिक्षक मुरारीलाल राय एवं डॉ. विनीता जैन सदस्य किशोर न्यायालय ग्वालियर ने इस भ्रमण को और अधिक प्रभावी बनाया। पाठशाला के संरक्षक ओपी दीक्षित ने सभी शिक्षकों एवं बच्चों को इस तीर्थ स्थल से संबंधित संक्षिप्त जानकारी शैक्षणिक स्तर पर दी। स्थानीय स्तर पर किसी कार्यकर्ता द्वारा विभिन्न मन्दिरों की विस्तृत जानकारियां प्रदान की गई। इसके बाद हमारा समूह उत्तर भारत के देवी साधना स्थल मां पीतांबरा के दरबार दतिया पहुंचा और वहां समाजसेवी प्रणाम ढैंगुला ने सभी 35 शिक्षकों का सम्मान किया। मां पीतांबरा के दर्शन के पश्चात सभी लोग ग्वालियर वापस आ गए। भारत में फैली विभिन्न शैक्षणिक, आध्यात्मिक, ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण और संवाद कार्यक्रमों द्वारा बच्चों में एक नई ऊर्जा और उत्साह का संचार तथा अपनी संस्कृति एवं ऐतिहासिक धरोहर की जानकारी प्राप्त होती है, इस उद्देश्य की पूर्ति में यह भ्रमण बहुत उपयोगी रहा। जिला प्रशासन तथा अन्य समाजसेवियों का सेवार्थ पाठशाला हृदय से धन्यवाद ज्ञापित करती है।