शिकायत के बावजूद भी प्रशासनिक अधिकारियों ने नहीं की कोई कार्रवाई
भिण्ड, 22 दिसम्बर। अटेर जनपद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम पिथनपुरा में शासकीय चरनोई की जमीन पर अवैध तरीके से मकान का निर्माण कराने का मामला सामने आया है। जिसकी शिकायत गांव के ही राजू समाधिया नामक व्यक्ति ने लिखित रूप से विभागीय अधिकारियों से की है।
शिकायतकर्ता राजू समाधिया का कहना है कि गांव में खसरा क्र.262 रकवा 0.7300 शासकीय जमीन चरनोई की है, उक्त चरनोई की जमीन पर गांव के ही रामहेत नामक व्यक्ति द्वारा कब्जा कर मकान बनाने का कार्य किया जा रहा है, जबकि शासन के नियमानुसार चरनोई की जमीन पर किसी प्रकार का निर्माण संभव नहीं है। शिकायतकर्ता ने आवेदन देकर उक्त चरनोई की जमीन से कब्जा करने वालों से मुक्त कराए जाने की गुहार लगाई है।
यहां बताना मुनासिब होगा कि प्रदेश सरकार ने पहले ही तय कर रखा है कि नगरीय क्षेत्र हो या ग्रामीण क्षेत्र, इलाके में कुल भूमि रकवा की दो प्रतिशत जमीन चरनोई के लिए न केवल छोड़ी जाए, बल्कि उसे शासकीय रिकार्ड में भी दर्ज किया जाए। लेकिन वर्तमान में सच्चाई यही है कि चरनोई भूमि के सर्वे नंबर केवल रिकार्ड में ही दर्ज होकर रह गए हैं, धरातल पर उक्त जमीन पर या तो भू माफियाओं के कब्जे होकर उस जमीन पर खेती की जा रही है या फिर उस पर मकान बनाए जा रहे हैं। जिलेभर में चरनोई की जमीन पर कब्जा करने की शिकायतें आये दिन मिलती रहती हैं, इसके बावजूद जिला प्रशासन द्वारा कोई भी सख्त कदम नहीं उठाया जा रहा है, जिसके कारण पशुओं को चरने के लिए सरकार द्वारा छोड़ी जाने वाली जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर रखा है। जब इस संबंध में जानकारी करने के लिए नायब तहसीलदार के मोबाइल पर कॉल कर जानकारी करनी चाही तो उन्होंने कॉल रिसीव करना मुनासिब नहीं समझा।
इनका कहना है-
बिल्कुल सही जानकारी है, पिथनपुरा गांव में शासकीय जमीन पर अतिक्रमण किया जा रहा है, मैं दो-तीन बार वहां गया हूं, मुझे हर बार लेवर और कारीगरों की संख्या बढ़ी हुई मिली है, मैंने रिपोर्ट भेज दी है, विभाग द्वारा कार्रवाई की जाएगी।
राहुल शर्मा, पटवारी