श्रीमज्जिनेन्द्र नवग्रह पंचकल्याण प्रतिष्ठा महोत्सव शुरू, निकली कलश यात्रा

ध्वजारोहण कर हुआ महोत्सव का आगाज, अभिषेक और जैन मुनिश्री के हुए प्रवचन
शोभायात्रा में गुरू के संग भक्तों में उल्लास, बग्गी, ढोलतासे, बैण्ड हुए सम्मिलित

भिण्ड, 20 दिसम्बर। श्री मज्जिनेन्द्र नवग्रह पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव का शुभारंम मंगलवार को मुनि श्री विनय सागर महराज एवं मुनि श्री ध्याननंद सागर महाराज के सानिध्य एवं आयोजक प्रज्ञा संघ भिण्ड के तत्वावधान में मंगल कलश शोभायात्रा गाजेबाजे के साथ निकाली गई।

शोभायात्रा मुनि श्री विनय सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में मंगल कलश शोभायात्रा किल गेट से शुरू होकर बजरिया गोल मार्केट, सदर बाजार, परेट चौहरे से होते हुए कार्यक्रम स्थल महावीर कीर्तिस्तंभ परिसर पहुंची। जिसमें सबसे आगे युवा जैन ध्वजा लेकर चल रहे थे। इन्द्रा-इन्द्राणिया फूलों से सज्जी बाग्गियों में सवार थे। महिलाएं केसरिया साडिय़ों में मंगल कलश लेकर मंगल गीत गाकर चल रही थीं। उदयपुर से आए बैण्ड की धुन पर युवक और युवातियां डांडिया-गरबा नृत्य कर थे। मुनि श्री विनय सागर महाराज का जगह-जगह जैन समाज के लोगों ने पद प्रच्छलन कर आरती उतारकर मंगल आशीर्वाद लिया।

शुभारंभ ध्वजारोहण, मंच व पण्डाल उद्घाटन के साथ श्रीजी का प्रवेश

महोत्सव के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि पंच कल्याणक महोत्सव का शुभारंभ मुनि श्री विनय सागर महाराज के सानिध्य एवं प्रतिष्ठाचार्य डॉ. अभिषेक जैन दमोह ने मंत्र उच्चारण के साथ सचिन जैन गुडग़ांव ने ध्वजारोहण फेरहकर किया। अशोक कुमार, आकाश कुमार, डॉ. दीप्ति जैन अम्बाह परिवार ने भव्य पण्डाल का फीता खोलकर शुभारंभ के साथ श्रीजी, मुनिश्री ने भव्य प्रवेश किया। भोपाल से आई रामकुमार एण्ड पार्टी ने भजनों पर श्रृद्धालुओं भक्ति नृत्य किया। मंच संचालन उमेश जैन भिण्ड ने किया।

जीवन में धर्म की प्रतिस्थापना करने से कर्म में पवित्रता आ जाती है : विनय सागर

मुनि श्री विनय सागर महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन को परिवर्तन करने के साथ ज्ञान, ध्यान, तप, त्याग संयम की वृद्धि के पापी को पुण्यात्मा बनाने के लिए व इंसान को संत, महंत व भगवंत बनाने के लिए पंच कल्याणक प्रतिष्ठा की जाती है। पंच कल्याणक प्रतिष्ठा सबसे बड़ा महोत्सव है, जिसमें महापुरुषों के तीर्थंकर के गर्भ से लेकर मोक्ष तक की यात्रा दिखाई जाती है। जीवन में धर्म की प्रतिस्थापना करने से कर्म में पवित्रता आ जाती है और व्यक्ति मोक्ष प्राप्ति की ओर अग्रसर हो जाता है। भक्ति में शक्ति है और शक्ति से ही मुक्ति संभव है।

आयोजन समिति ने प्रतिष्ठाचार्य को अनुष्ठान के लिए आमंत्रित किया

मुनिश्री के सानिध्य में पंचकल्याणक महोत्सव के प्रतिष्ठाचार्य डॉ. अभिषेक जैन, डॉ. आशीष जैन दमोह, सह प्रतिष्ठाचार्य ब्रह्मचारी सुशील भैया भिण्ड, पं. विजय शास्त्री एवं पं. स्वप्रिल शास्त्री झांसी को आंगवस्त्र भेंटकर आंमत्रित किया।

इन्द्रों ने भगवान का किया अभिषेक व इन्द्राणियों ने की शुद्धि

पंच कल्याणक महोत्सव में इन्द्रों पीले वस्त्रों को धारण कर भगवान जिनेन्द्र का जयकारों के साथ अभिषेक किया। भगवान जिनेन्द्र की शांति धारा अशोक आकाश जैन, अंकित जैन एवं नरेशचंद जैन परिवार ने की। महिलाओं ने मंगल कलशों के जल से पण्डाल की शुद्धि की क्रिया जैन विधि के अनुसार कराई। इसके बाद इन्द्रा-इन्द्राणियों ने मण्डप प्रतिष्ठा, इन्द्र प्रतिष्ठा के साथ याग नांदी विधान में पूजन की।

गर्भ कल्याणक पर सुबह अभिषेक, प्रवचन, रात्रि में 16 स्वप्न के दर्शन कार्यक्रम आज

महोत्सव के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि को 21 दिसंबर को सुबह छह बजे से नित्य पूजन, भगवान अभिषेक शांतिधार, प्रवचन, विधान एव रात्रि में गर्भ कल्याणक पर नगर रचना, माता की सेवा, 16 स्वप्न दर्शन एवं स्वपनों का फल कार्यक्रम होंगे।