भाजपा मोदी सरकार ने फिर की भिण्ड जिला की उपेक्षा : माकपा

भिण्ड, 26 सितम्बर। आरक्षित चंबल घडिय़ाल अभ्यारण्य से चंबल नदी रेत खनन की अनुमति मुरैना, श्योपुर जिला में केवल एक-एक स्थान पर भाजपा नेता केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के राजनीतिक दबाव में पर्यावरण मंत्रालय ने दी है, लेकिन भिण्ड जिला को इससे वचिंत रखा गया है। तीन दशक से भिण्ड जिला की जनता भाजपा प्रत्याशियों को जिताकर दिल्ली की संसद में पहुंचाती रही है, भिण्ड की उपेक्षा पर भिण्ड-दतिया सांसद मौन हैं, बाहरी व्यक्ति को जिताने की सजा भिण्ड की जनता भुगत रही है।
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माक्र्सवादी के जिला सचिव मण्डल सदस्य अनिल दौनेरिया ने प्रेस के माध्यम से भाजपा की केन्द्र सरकार पर लगाया है कि आरक्षित घडिय़ाल अभ्यारण्य से यदि रेत खनन के लिए मुरैना, श्योपुर को अनुमति दी जा सकती हैं तो फिर भिण्ड, कोटा, सवाई माधोपुर, धौलपुर, आगरा, इटावा को रेत खनन से वंचित क्यों रखा गया। जबकि इन जिलों की जनता ने भी भाजपा के सांसदों को जिताया है। भाजपा मोदी सरकार में कैबिनेट कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर रेत का वैध और अवैध कारोबार कर काली कमाई करना चाहते हैं, उनके लोकसभा क्षेत्र में घडिय़ालों के लिए आरक्षित जगह से रेत खनन की अनुमति नरेन्द्र सिंह तोमर को है।
माकपा नेता अनिल दौनेरिया ने पर्यावरण मंत्रालय से माग की है कि आपने सिर्फ राजनीतिक दबाव में आकर मंत्री के क्षेत्र में जो अनुमति दी है, उसे निरस्त किया जाए। वरना चंबल नदी के दोनों किनारो पर बसे गांवों को रेत खनन की अनुमति दी जाए, अन्यथा पर्यावरण मंत्रालय को पर्यावरण से ज्यादा भजपा मंत्रियों को खुश करने की अधिक चिंता है।