तप से कर्मों की निर्जरा होती है : अंतसमती माताजी

भिण्ड, 07 सितम्बर। बाहुबली दिगंबर जैन मन्दिर गोरमी में चल रहे दसलक्षण पर्व में उत्तम तप धर्म के दिन गुरू मां अंतसमती माताजी ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि तप के द्वारा आत्मा में विद्यमान कर्म कालिमा को दूर कर आत्मा को पवित्र किया जाता है। तप से कर्मों की निर्जरा होती है और कोई भी मनुष्य बिना तप किए सुखी नहीं हो सकता है। सभी व्यक्तियों को अपनी शक्ति अनुसार तप करना चाहिए और यदि उसमे भी कोई संकट आए तो उस विपत्ति को ईश्वर की परीक्षा समझ कर श्रृद्धा भाव से स्वीकार करते हुए धीरज रखना चाहिए।
पर्युषण पर्व के दौरान जैन भक्तों द्वारा नित्य प्रभु पूजा, भक्ति, आराधना, आरती बड़े भक्ति भाव से की जा रही है और रात्रि में नगर के बच्चों व युवक-युवतियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा हैं। जिसमें आठ सितंबर को नगर के युवाओं द्वारा ‘मित्र हो तो ऐसाÓ रंगारंग कार्यक्रम तथा 10 सितंबर को प्रदीप जैन टिंकल और पांडे अनुज जैन द्वारा भजन संध्या कार्यक्रम किया जाएगा।