लोभ व्यक्ति से कुछ भी करवा सकता है : मुनि विश्रांत सागर

चैत्यालय जैन मन्दिर में चल रहे हैं मुनिश्री के प्रवचन

भिण्ड, 03 सितम्बर। लोभ व्यक्ति से कुछ भी करवा सकता है, लोभ में आकर पुत्र पिता को मार देता है, भाई-भाई की हत्या कर देता है, बेटा अपनी मां को मार देता है, लोभी व्यक्ति न करने योग्य कार्य भी कर डालता है। इसलिए लोभ को पाप का बाप कहा गया है। यह उद्गार मुनि श्री विश्रांत सागर महाराज ने चैत्यालय मन्दिर भिण्ड में चातुर्मास के अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
मुनि श्री विश्रांत सागर महाराज कहा कि एक पण्डित जी बड़े ज्ञानी थे, बनारस से विद्या अध्ययन करके आए थे। पत्नी ने पूछा कि पाप का बाप क्या है, तो इसका उत्तर नहीं दे पाए, तब पत्नी ने कहा कि जाओ पढ़कर आओ, तब पंडित जी पढऩे जाते हैं। रात्रि में एक वैश्या के घर पर रुक गए, लोभ में आकर वैश्या के हाथ का भोजन करने को तैयार हो गए। वैश्या ने कहा कि पंडित जी थोड़े रत्न और ले लेना, मेरे हाथ से एक ग्रास खा लो पंडित जी तैयार हो गए, क्योंकि लोभ का भूत सवार था। वैश्या ने अपना हाथ बढ़ाया तब पंडित जी ने अपना मुंह खोला तो वैश्या ने जोर से एक थप्पड़ मारते हुए जवाब दिया पंडित जी लोभ पाप का बाप है। पंडित जी छोटा सा मुंह लेकर घर वापिस आ जाते हैं। लोभी व्यक्ति दान नहीं कर पाता है, धन संपदा को जोड़-जोड़कर मर जाता है।
महाराजश्री ने बताया कि शनिवार को सुबह पांच बजे ध्यान लगाया गया, बाद में भगवान का अभिषेक, शांतिधारा, पूजन की गई, रात्रि में दिल्ली से पधारे सत्येन्द्र शर्मा द्वारा ऋषभ सत्संग भवन में भव्य कार्यक्रम किया गया। ध्यान शिविर का आयोजन प्रतिदिन सुबह पांच बजे से होगा। धर्मसभा सभा में रविसेन जैन, अशोक जैन महामाया, प्रवीण जैन, मनोज जैन बिच्छू, सोनू जैन, विकास जैन, सुरेन्द्र जैन (शक्कर), अन्ना जैन, रमेश जैन (गढ़ा), संजय जैन, आकाश जैन, बंटी जैन, कल्लू जैन, नीलू जैन, नीरज जैन, रिंकू जैन, संगीता पवैया, रेखा जैन, मंजू जैन, सुनीता जैन, ज्योति जैन, गोलू जैन बिजपुरी, रिंकू जैन भारौली, नरेश जैन, नेपाली जैन, पंकज जैन, दिनेश जैन, सौरभ जैन, शैलू जैन, मनोज जैन पुलावली, आकाश जैन सहित जैन समाज के बहुत से लोग मौजूद रहे।