भिण्ड, 28 जुलाई। आलमपुर कस्बे में सरकारी गौशाला के अभाव में सैकड़ों आवारा गाय एवं बछड़े भूखे प्यासे इधर से उधर भटकते फिर रहे हैं। यदि बस स्टेण्ड, कॉलेज तिराहे, देभई चौराहे, छत्रीबाग सहित अन्य स्थानों पर देखा जाए तो सैकड़ों की तादाद में आवारा गाय बछड़े सड़क पर बैठे और खड़े हुए दिखाई देंगे। आवारा गाय बछड़ों के सड़क पर विचरण करने से जहां लोगों का निकलना मुश्किल हो गया है। तो वहीं वाहन चालकों को वाहन निकालने में परेशानी हो रही है। यही नहीं सड़क पर खड़ी आवारा गाय बछड़ो से दो पहिया वाहन चालक टकराकर दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। इसके अलावा बड़े वाहनों की चपेट में आकर आवारा गाये एवं बछड़े भी बेमौत मारे जा रहे हैं।
आलमपुर कस्बे में गौशाला निर्माण हेतु करीब चार साल पहले सरकारी अस्पताल के समीप जगह चिन्हित हो चुकी है। जिसका तत्कालीन कलेक्टर छोटेसिंह, नगर परिषद अधिकारी के साथ भूमि का अवलोकन भी कर चुके हैं। लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि अभी तक आलमपुर कस्बे में गौशाला बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। जबकि आलमपुर कस्बे के नागरिक काफी लम्बे समय से गौशाला का निर्माण कराए जाने की मांग करते चले आ रहे हैं। किन्तु कस्बे के लोगों को अधिकारियों के आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला। गौशाला के अभाव में आज आवारा गाय एवं गौवंश इधर से उधर भटकते फिर रहे हैं। तो वहीं दुर्घटना का शिकार होकर बेमौत मारे जा रहे हैं। लेकिन प्रशासन इन बेजुबान गाय और गौवंश की दुर्दशा की ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा है।
आवारा गायें फसलों को भी पहुंचा रही नुकसान
किसान इस महंगाई के युग में हजारों रुपए खर्च कर फसल कर रहे है। लेकिन आलमपुर क्षेत्र के किसान आवारा गाय बछड़ों से बेहद परेशान है। आवारा गाय एवं बछड़े फसलों को बर्बाद करने में लगे हुए हैं। आलमपुर कस्बे में आवारा रूप से विचरण करने वाली गाय बछड़े दिन में तो बस्ती और बाजार के अंदर जगह जगह बैठे नजर आते हैं। लेकिन रात्रि होते ही यह गाय बछड़े खेतों की ओर रुख अख्तियार कर लेते हैं और जिस खेत में प्रवेश कर जाते हैं। उस खेत में फसल का चौपट्टा करके ही निकलते हैं। आलमपुर सहित नजदीकी गांव के किसान आवारा गाय-बछड़ों से इतने परेशान हैं कि किसानों को रातभर जागकर फसलों की रखवाली करना पड़ रही है।