नाबालिगा का व्यपहरण करने वालेे आरोपी को तीन वर्ष का कारावास

सागर, 11 जनवरी। विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012) जिला सागर श्री दीपाली शर्मा के न्यायालय ने नाबालिग को बहला फुसला कर ले जाने वालेे आरोपी सुनील पुत्र मगन रैकवार उम्र 25 साल निवासी छात्रावास के पीछे बांदरी, थाना बांदरी, जिला सागर को धारा 363 भादंसं में तीन साल का सश्रम कारावास एवं 500 रुपए जुर्माना एवं धारा 3(2)(अक) अनुसूचित जाति/ जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 में एक साल के सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी/ विशेष अभियोजक रिपा जैन ने राज्य शासन की ओर से पक्ष रखा।
मीडिया प्रभारी/ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सागर सौरभ डिम्हा के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि पीडि़ता के पिता ने थाना बांदरी में 14 जून 2016 को इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि उसकी पुत्री (पीडि़ता) 13 जून 2016 को घर से बिना बताए कहीं चली गई, जिसकी आस-पास रिश्तेदारी में तलाश की गई, परंतु कही पता नहीं चला। अभियोक्त्री के पिता को आरोपी सुनील पर शक था कि वह उसे बहला फुसलाकर भगाकर ले गया है। उक्त सूचना के आधार पर गुम इंसान प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्तगण के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किए। न्यायालय ने उभय पक्ष को सुना एवं प्रकरण के तथ्य, परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी सुनील को धारा 363 भादंसं में तीन साल का सश्रम कारावास एवं 500 रुपए के अर्थदण्ड एवं धारा 3(2)(अक) अनुसूचित जाति/ जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 में एक साल के सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।