भिण्ड, 20 दिसम्बर। संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर महाराज का ससंघ भव्य मंगल प्रवेश मौ नगर में गाजे बाजे के साथ हुआ एवं जगह जगह पाद-प्रक्षालन किया गया। उसके बाद मुनि श्री का उद्बोधन हुआ, उन्होंने कहा कि जब हम संसार की ओर देखते हैं तो दो तरह के प्राणी दिखाई देते हैं, एक ज्ञानी और दूसरा अज्ञानी, अब विचार करना है कि कौन किसको क्या दे सकता है, दिगंबर संत मुनिजन आत्मा की साधना में निरंतर ज्ञान-ध्यान तप में लीन रहते हैं, तभी वे प्रवचनों के माध्यम से आत्म हितेषु प्राणियों को आत्म ज्ञान-कल्याण का उपदेश देते हैं। ये कार्यक्रम पार्शनाथ दिगंबर जैन मन्दिर मौ के स्वाध्याय भवन में चल रहा है। इस प्रवचन का समस्त जैन समाज के पुरुष और महिलाओं ने लाभ लिया। उक्त जानकारी आगम जैन चौधरी और आशीष जैन छोटू ने दी है।
फोटो- 20 बीएचडी-12, कैप्सन- प्रवचन देते हुए मुनि श्री प्रणम्य सागर महाराज