सीएमएचओ के आश्वासन के बाद वापस काम पर लौटी
भिण्ड, 16 दिसम्बर। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर आशा कार्यकर्ताओं एवं सहयोगिनियों ने दो दिन का वेतन काटे जाने का विरोध करते हुए नारेबाजी की और काम बंद हड़ताल कर दी। इसके बाद बीएमओ की समझाइश भी नहीं मानी। जब सीएमएचओ ने वेतन नहीं काटने का आश्वासन दिया तब वे वापस अपने काम पर लौटीं।
दो दिवस पूर्व आशा एवं सहयोगिनी कार्यकर्ताओं ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में गांव पर संचालित कॉल सेंटर पर कार्य किए जाने का विरोध करते हुए कॉल सेंटर पर काम ना करते हुए अपने मूल कार्य क्षेत्र पर उपस्थित रहकर समुदाय को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का काम किया। जिसके कारण बीएमओ मेहगांव द्वारा दो दिवस की प्रोत्साहन राशि की कटौती का लेटर जारी कर दिया गया था। जबकि कॉल सेंटर पर कार्य करने के दौरान आने वाली समस्याओं के समाधान की ओर काई ध्यान नहीं दिया गया। इस वजह से आशा कार्यकर्ता एवं सहयोगी नाराज थी।
कॉल सेंटर से अनजाने लोगों को कॉल करने के दौरान कई लोगों के ताने और अनर्गल बातें सुनने के अलावा बैलेंस भी खुद ही कराना पड़ रहा था। भूखे प्यासे रहकर शाम को घर वापस जाने के लिए बस या टेम्पो, टैक्सी भी नहीं मिल पा रहे थे। नहीं कोई यात्रा भत्ता दिया जा रहा था बल्कि स्वयं के 150 रुपए कराए खर्च करके कॉल सेंटर तक जाना पड़ रहा था और उनके मूल कार्य क्षेत्र पर सभी कार्य भी प्रभावित हो रहे थे। इन सब बिंदुओं पर मौखिक तौर पर तो अवगत कराते हुए कार्यकर्ताओं ने कॉल सेंटर पर कार्य करना बंद कर दिया था लेकिन अपने मूल कार्य क्षेत्र अपने गर्भवती महिला का परीक्षण कोविड-19 वेक्सीनेशन में सहयोग, रुटीन वैक्सीनेशन में सहयोग किशोरी बालक बालिकाओं को एवं जीरो से पांच वर्ष तक के बच्चों को आयरन एवं बाल्यावस्था के रोग में निदान करने का सहयोग करने के कार्य किए जा रहे थे। इन समस्याओं दो दिवसीय प्रोत्साहन कटौती के विरोध में मप्र आशा/आशा सहयोगिनी श्रमिक संघ के बैनर तले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मेहगांव परिसर में सामूहिक रूप से एकत्रित होकर विरोध किया गया। तब जाकर मेहगांव बीएमओ मनीष शर्मा एवं बीसीएम आशीष सिंह ने उक्त बिन्दुओं पर समाधान की ओर चर्चा की। प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी कौरव से सीएमएचओ जिला भिण्ड द्वारा फोन पर मौखिक चर्चा करते हुए वेतन कटौती का निर्णय वापस लेने का आश्वासन देने के बाद कार्यकर्ता पुन: कार्य पर वापस लौटी।