जिलाधीश और जिला पुलिस अधीक्षक जिम्मेदारी तय करें
भिण्ड, 09 दिसम्बर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ. रमेश दुबे ने गुरुवार को एक बयान में अवैध उत्खनन के वीडियो और फोटो जारी कर पुलिस अधिक्षक शैलेन्द्र सिंह से भेंट कर कहा कि भिण्ड जिले की सिंध नदी की लगभग डेढ़ दर्जन खदानों से रेत का अवैध उत्खनन निरंतर होने की खबरें मीडिया के माध्यम से आ रही थीं, इसके सत्यापन के लिए सिंध नदी पर अपनी टीम भेज कर फोटो व वीडियो लिए गए, वह सत्य प्रामाणित हुई। इस अवैध खनन से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की मंशा पर पानी फिर रहा है। जबकि सभी खदानों से रेत निकालने का ठेका इस समय निरस्त है और अभी तक किसी कंपनी को ठेका नहीं दिया गया है। इसके बावजूद भी सभी खदानों में पनडुब्बियों और मशीनों के माध्यम से रेत निकाला जा रहा है। जिला प्रशासन की उदासीनता और लापरवाही के कारण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की रेत के अवैध उत्खनन पर रोक लगाने की मंशा पर पानी फेरा जा रहा है। प्रदेश सरकार की मंशा के विपरीत रेत के 250 से 300 डंपर प्रतिदिन भिण्ड जिले की सीमा से बाहर अवैध रूप से विक्रय के लिए ले जाए जा रहे हैं उन्हें पकड़ा जाए, कितना भी उच्च स्तरीय दवाब हो लेकिन अवैध रूप से भरे हुए रेत के ओवरलोड वाहनों को नही छोड़ा जाए।
डॉ. रमेश दुबे ने कहा कि सिंध नदी की बरेठी खुर्द, बछरेटा, खेरिया, कछार, अजीता, खैरोली, गोरम, भरौली, मुसावली, मटियावली, मरोड़ी, पर्रायच, अजनार, विरौना, मड़ैयन, खैरा आदि खदानों पर निरंतर पनडुब्बियों और मशीनों से नदी का रेत निकालकर उसे खोखला किया जा रहा है और करोड़ों रुपए का राजस्व अदा किए बिना सरकार को हानि पहुंचाई जा रही है। जो कि अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा कि जहां-जहां से रेत की गाडिय़ां निकल रही है, उन संबंधित थानों की जिम्मेदारी तय कर के कार्रवाई होनी चाहिए। वर्तमान में भिण्ड जिले में रेत निकालने का कोई ठेका न होने पर भी रेत का बड़े पैमाने पर खनन होना अत्यंत गंभीर और निंदनीय है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि जिला प्रशासन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुरूप कार्य नहीं कर पा रहा है।