भिण्ड, 07 दिसम्बर। श्री 1008 आदिनाथ दिगंबर जैन मन्दिर किला रोड पर विराजमान गणाचार्य विराग सागर जी महाराज ने तीन दिवसीय वासूपूज्य भगवान की वेदी प्रतिष्ठा कार्यक्रम के अवसर पर कहा कि व्यक्ति का जीवन शिक्षा संस्कारों से निखरता है, हम अपने जीवन में सुखमय जिंदगी जीवन जीना चाहते है जो हर प्रकार से आनंद खुशी हो प्राय: लोग खाने पीने को खुशी मानते है। यहां आचार्य भगवन् कहते हैं कि खाने पीने में खुशी नहीं है, क्योंकि मीठा खाने से खुशी होती तो लोगों को सुगर की बीमारी नहीं होती। जब ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है तो वह नमक नहीं खा पाता, किसी का कॉलेस्टॉल बढ़ गया तो वह चिकनाई तेल नहीं खा पाता।
आचार्य श्री विराग सागर महाराज ने कहा कि वस्तु में सुख नहीं है। खाने पीने में दुख है ज्यादा शक्कर खाई तो शुगर हो गई लोग कहते है कि ऊंचे ऊंचे महल किला बनाने में सुख है अगर किला बनाने में सुख होता तो आज ये खाली नहीं पड़े होते भिण्ड किला को देखिए कभी विशाल और भव्य बनाया होगा, लेकिन अब खण्डर पड़ा है। ऐसे ही व्यक्ति सोचता है कि परिवार कुटुंब बसाऊंगा लेकिन जो पति-पत्नी झगड़ते हैं, उनके पास जाकर देखो जिसकी बनती हो, किसी का पुत्र देखो शराब पी रहा है कई बच्चे अपने माता।पिता का सम्मान नहीं करते, कई बच्चे अन्य समाज में शादी विवाह कर लेते है। शिक्षा संस्कारों के अभाव के कारण ये सब हो रहा है, जहां माता पिता अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देते हैं उनके बच्चों का जीवन निखरता है।
आचार्यश्री ने कहा कि यहां पर जितने बच्चे या बच्चियां बैठी हैं, उनसे यहीं कहूंगा कि शादी विवाह अपने समाज में करे जिससे साधु संतों का आहार भी दे सके बाद में पछताने के अलावा कुछ भी हासिल नहीं होने वाला। इस अवर पर आनंद जैन, शैलू जैन, मनोज जैन, कमलेश जैन, सुनील जैन, सतीश जैन, राजेश जैन, मनीष जैन, महेश जैन के अलावा महिला, पुरुष एवं बच्चे उपस्थित थे।