खेत तालाब बनाने में पूरे प्रदेश के लिए मिसाल बना जिला ग्वालियर

– जितने तालाब पिछले 8 साल में बने, उससे ज्यादा इस साल किए तैयार
– खेत तालाब बनवाने वाले जल योद्धाओं का कलेक्टर चौहान ने किया सम्मान
– जिले में 900 खेत तालाब व 842 डगवैल बनाए

ग्वालियर, 30 जून। वर्षा जल सहेजने के लिए संरचनाएं बनाने में ग्वालियर जिला पूरे प्रदेश के लिए मिसाल बनकर सामने आया है। जिले ने यह उपलब्धि बडे पैमाने पर खेत तालाब बनाकर हासिल की है। ऐसी धारणा बन चली थी कि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में किसानों को खेत तालाब बनाने के लिए प्रेरित करना बडा मुश्किल काम है। पर इस साल के जल गंगा संवर्धन अभियान में साझा प्रयासों से ग्वालियर जिले के विभिन्न गांवों में 900 से अधिक खेत तालाब बन चुके हैं। खेत तालाबों की यह संख्या पिछले 8 सालों में बने कुल खेत तालाबों से ज्यादा है। पिछले 8 सालों में कुल मिलाकर जिले में मात्र 130 खेत तालाब बन पाए थे। इस साल बडी संख्या में खेत तालाब बनवाने में योगदान देने वाले 20जल योद्धाओं को कलेक्टर रुचिका चौहान ने सोमवार को प्रशस्ति पत्र व शील्ड सौंपकर सम्मानित किया।
इस साल जब संपूर्ण प्रदेश के साथ ग्वालियर जिले में गत मार्च माह से जल गंगा संवर्धन अभियान शुरू हुआ तो खेत तालाब बनवाने के प्रयास शुरू हुए। शुरुआत ग्रामीणों ने इसमें कोई खास रुचि नहीं दिखाई। पर जब कलेक्टर रुचिका चौहान की पहल पर जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार ने विशेष दल गठित कर गांव-गांव में खेत तालाब के फायदे बताकर लोगों को प्रेरित कराया गया तो इसके सुखद परिणाम सामने आने लगे। शासन से जिले को इस साल 789 खेत तालाब बनाने का लक्ष्य मिला। जिले में लक्ष्य से भी ज्यादा 905 खेत तालाब बनवाए गए हैं। खेत तालाब बनवाने में ग्राम पंचायतों के सरपंच सचिव ग्राम रोजगार सहायक, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री व उपयंत्री एवं जनपद पंचायत सीईओ ने ‘जल योद्धा’ की भूमिका निभाई।
जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जिले में इस साल लक्ष्य से ज्यादा खेत तालाब ही नहीं बने, बल्कि डगवैल रीचार्ज व अमृत सरोवर भी लक्ष्य से ज्यादा बनवाए गए हैं। जिले को 600 डगवैल रीचार्ज का लक्ष्य मिला था। इसके विरुद्ध 842 डगवैल रीचार्ज का कार्य जिले में किया गया है। इसी तरह 12 अमृत सरोवर के लक्ष्य के विरुद्ध 14 अमृत सरोवर जिले में बन रहे हैं।
इन जल योद्धाओं का हुआ सम्मान
कलेक्टर रुचिका चौहान द्वारा जिन जल योद्धाओं को सम्मानित किया गया, उनमें जनपद पंचायत मुरार के अंतर्गत ग्राम पंचायत आरोली के सरपंच छविराज कुशवाह, किरावली पंचायत के सचिव फूलसिंह गौड व ग्राम पंचायत खेडा के ग्राम रोजगार सहायक मतवार सिंह राणा शामिल हैं। इसी तरह जनपद पंचायत डबरा के अंतर्गत ग्राम पंचायत अरूसी की सरपंच सुमन मांझी, भैंसनारी के सचिव बृजकिशोर बाथम व लधेरा के ग्राम रोजगार सहायक हेमंत सिंह कुशवाह, जनपद घाटीगांव के अंतर्गत ग्राम पंचायत पवा के सरपंच महिपत सिंह गुर्जर, चैत की सचिव ममता यादव व रेंहट के ग्राम रोजगार सहायक अरविन्द उपाध्याय को सम्मानित किया गया। इनके अलावा डबरा जनपद पंचायत की सीईओ ऊषा पी शर्मा, मुरार के सहायक यंत्री वायएस परिहार व एडीशनल सीईओ मुकेश सगर, उपयंत्री मनोज श्रीवास्तव, घाटीगांव के उपयंत्री राजेन्द्र शर्मा, डबरा के उपयंत्रीरामनिवास शाक्य, भितरवार के उपयंत्री रामअवतार सिंह व घाटीगांव के सहायक यंत्री आलोक तोमर शामिल हैं।
गंभीर किडनी रोग की परवाह किए बगैर राजेन्द्र शर्मा ने बनवाए खेत तालाब
सम्मानित होने वाले जल योद्धाओं में जनपद पंचायत घाटीगांव के उपयंत्री राजेन्द्र शर्मा के प्रयास विशेष उल्लेखनीय हैं। उनकी दोनों किडनी खराब हैं और हफ्ते में दो बार डायलेसिस भी होती है। इस सब की परवाह न कर वे अकसर मैदान में पहुंचकर किसानों को खेत तालाब बनाने के लिए प्रेरित करते। उनके प्रयासों से 37 खेत तालाब बनकर तैयार हुए हैं। राजेन्द्र शर्मा का शासकीय सेवा में 30 जून आखिरी दिन था। अपनी सेवानिवृत्ति के आखिरी रोज जब कलेक्टर चौहान ने शील्ड और प्रशस्ति पत्र भेंट कर उन्हें सम्मानित किया तो वे भावुक हो गए।