भिण्ड, 10 मई। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नईदिल्ली एवं मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेशानुसार नेशनल लोक अदालत का औपचारिक शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड उमेश पाण्डव ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड अनुभूति गुप्ता एवं समस्त न्यायाधीश, अभिभाषक संघ भिण्ड के अध्यक्ष, अधिवक्तागण एवं न्यायालयीन कर्मचारीगण भी उपस्थित रहे।
नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु जिला मुख्यालय भिण्ड एवं न्यायिक तहसील मेहगांव, गोहद एवं लहार हेतु कुल 24 न्यायिक खण्डपीठों का गठन किया गया था, जिनमें सुलहकर्ता सदस्य के रूप मे नामित अधिवक्ताओं द्वारा सहयोग प्रदान किया गया, जिसके फलस्वरूप जिला मुख्यालय भिण्ड एवं तहसील न्यायालय मेहगांव, गोहद एवं लहार में न्यायालयों में लंबित कुल 550 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें कुल 1435 पक्षकार लाभान्वित हुए तथा राशि एक करोड 80 लाख 67 हजार 311 के अवार्ड पारित किए गए।
उपरोक्त प्रकरणों के अतिरिक्त प्रीलिटिगेशन प्रकरण जिनमें जलकर, संपत्तिकर, विद्युत, बीएसएनएल, बैंक आदि के कुल 933 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें 934 व्यक्तियों को लाभांवित किया गया तथा उपरोक्त प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में कुल 73 लाख 700 रुपए समझौता राशि रही। वर्ष 2025 की द्वितीय नेशनल लोक अदालत में गठित खण्डपीठों द्वारा कई मामलों में पक्षकारों के मध्य आपसी कटुता को समाप्त करते हुए दोनों पक्षों को मिलाने का कार्य किया गया तथा सफल प्रकरणों में पक्षकारों को पौधे भेंट कर उन्हें जीवन में विवाद को समाप्त करने तथा शांतिपूर्वक सुखी एवं समृद्ध जीवन व्यतीत करने की सलाह भी दी।
पिछडा हुआ परिवार फिर से हुआ एक
खण्डपीठ क्र.एक के पीठासीन अधिकारी प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय भिण्ड दिलीप गुप्ता के न्यायालय का प्रकरण क्र.379/2023 मुफो में आवेदिका का विवाह अनावेदक के साथ 22 अप्रैल 2002 को हिन्दू विधि से संपन्न हुआ था। उभयपक्ष के मध्य आपसी विवाद हो जाने के कारण आवेदिका अनावेदक से पृथक अपने मायके में निवास करने लगी थी। आवेदिका ने 28 नवंबर 2023 को अनावेदक से भरण-पोषण राशि दिलाए जाने हेतु धारा 125 दंप्रसं का प्रकरण प्रस्तुत किया था। उभयपक्ष आज लोक अदालत में कुटुंब न्यायालय खण्डपीठ के समक्ष उपस्थित हुए उन्होंने व्यक्त किया कि दोनों पक्ष के मध्य राजीनामा हो गया है इस आधार पर प्रकरण राजीनामा के आधार पर समाप्त किए जाने का निवेदन किया। उभयपक्ष के मध्य राजीनामा हो जाने के आधार पर प्रकरण समाप्त किया गया। पति-पत्नी द्वारा सौहार्दपूर्ण वातावरण में एक-दूसरे को माला पहनाई। इस प्रकार वर्षों से चले आ रहे घरेलू विवाद के प्रकरण का राजीनामा से अंत हुआ तथा त्वरित एवं सुलभ न्याय की संकल्पना को सभी के सामूहिक प्रयासों से मूर्त रूप दिया तथा दंपत्ती को प्रकरण के निराकरण के फलस्वरूप भेंट के तौर पर फलदार पौधा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश उमेश पाण्डव द्वारा दिया गया तथा उनके परिवार की खुशहाली की शुभकामनाएं देते हुए न्यायालय से खुशी-खुशी उन्हें विदा किया।