न्यायालय ने पीडिता तथा माता-पिता के पक्षद्रोही होने पर भी डीएनए रिपोर्ट एवं जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर आरोपी को दिया दण्ड
सागर, 15 दिसम्बर। तृतीय अपर सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) जिला सागर नीलम शुक्ला की अदालत नेे नाबालिगा के साथ जबरन दुष्कम़ करने वाले अभियुक्त गौरव लडिया को धारा 376(3) भादंवि के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। न्यायालय ने प्रकरण में पीडिता तथा उसके माता-पिता के पक्षद्रोही होने पर भी डीएनए रिपोर्ट एवं जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर आरोपी को दण्डित किया है। न्यायालय ने बालिका के पुर्नवास एवं क्षतिपूर्ति हेतु युक्तियुक्त प्रतिकर चार लाख रुपए दिलाए जाने का आदेश भी पारित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता (पीडिता की ने मां) ने 18 मई 2022 को पुलिस थाना मोतीनगर में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि 17 मई को दोपहर में वह काम करके घर वापिस आई तो उसने देखा कि उसकी लडकी घर पर नहीं है, उसकी आस-पास तलाश करने पर जानकारी लगी कि पडोस के घर में लडकी गई है, उसने अपने लडके के साथ जाकर बालिका की तलाश की तो घर के दरवाजे बंद थे, दरवाजा खुलवाने पर लडकी कमरे में अभियुक्त गौरव के साथ मिली। लडकी से पूछने पर उसन अभियुक्त गौरव द्वारा जबरन शारीरिक संबंध बनाना बताया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना मोतीनगर पुलिस ने धारा 342, 376(2)(एन), 376(3), 506(भाग-2) भादंसं, धारा 5एल/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत तृतीय अपर सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) नीलम शुक्ला के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।