न्यायालय ने आरोपियों पर पांच-पांच हजार जुर्माना भी लगाया
सागर, 13 अक्टूबर। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश जिला सागर शिवबालक साहू की अदालत ने नवयुवक की पत्थर पटक-पटक कर नृशंष हत्या करने वाले तीनों आरोपीगण मुन्ना पटैल, संजेश पटैल एवं पप्पू लपरा उर्फ रामप्रसाद पटैल को दोषी करार देते हुए धारा 302/34 भादंसं के तहत आजीवन सश्रम कारावास एवं पांच-पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सौरभ डिम्हा ने की।
जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि फरियादी लकी उर्फ संजय पुत्र हरप्रसाद रैकवार ने 26 अप्रैल 2022 को थाना गोपालगंज में इस आशय की देहाती नालसी लेख कराई कि मैं जिला न्यायालय सागर के पास चाय की दुकान चलाता हूं। 25 अप्रैल को मेरा छोटा भाई शनि उर्फ हर्षल रैकवार अपने दोस्त ओमू चौरसिया और शुभम जैन के साथ अपनी मोटर साइकिल से सोनू चौरिसया की शादी में गए थे, मैं और दूसरा छोटा भाई शुभम रैकवार खाना खाकर पठवा मन्दिर के पास घूम रहे थे, रात्रि करीब 12 बजे हमें दीपक चौरसिया के घर के सामने मारपीट एवं चिल्लाने की आवाज सुनाई दी तो मैं और भाई शुभम रैकवार दौडकर मौके पर पहुंचे और देखा कि रोड पर मेरे भाई शनि रैकवार की मोटर साइकिल पडी थी और भाई जमीन पर पडा हुआ था। मौके पर अभियुक्त मुन्ना पटैल, संजेश पटैल व पप्पू पटैल बडे दो पत्थर और पटिया का टुकडा मेरे भाई के सिर पर पटक रहे थे, तीनों ने दो-तीन बार पत्थर पटक कर चोट पहुंचाई। तब मौके पर ओमू चौरसिया और शुभम जैन आ गए फिर हम सभी लोग शनि को बचाने दौड़े तो तीनों लोग मेरे भाई को लात मारते हुए व गालाी देते हुए बोले मर गया, अब चलो और तीनों सामने गली से भाग गए, हम चारों ने उनका पीछा किया, लेकिन वे भाग गए थे। वापस आने पर देखा तो मेरा भाई सिर पर चोट लगने के कारण मर चुका था। उक्त देहाती नालशी के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना गोपालगंज पुलिस ने भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 302, 34 का अपराध आरोपियों के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश शिवबालक साहू के न्यायालय ने आरोपियों को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।