भिण्ड, 21 सितम्बर। थाना प्रभारी गोहद के खिलाफ भ्रष्टाचार की खबर प्रकाशित करने पर पत्रकारों को गंभीर परिणाम भुगतने व झूठे केस में फंसाने की धमकी दिलवाने से नाराज गोहद के पत्रकरों ने प्रभारी मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में बताया गया है कि गोहद के पत्रकारों द्वारा क्षेत्र में हो रहे अवैध उत्खनन, परिवहन, नगर में प्रवेश करने पर परिवहन से अवैध वसूली की खबरे गोहद पत्रकारों ने प्रकाशित की। इन खबरों से थाना प्रभारी गोहद गोपाल सिकरवार आहत हुए तथा उन्होंने अपने शुभचिंतको के जरिए पत्रकारों को धमकी भरे अंदाज में खबर भिजवाई, जिसमें पुलिस थाने के विरुद्ध खबर छापने के गंभीर परिणाम भुगतने तथा मप्र में कहीं भी प्रकरण दर्ज करवा देने की धमकी दी। थाना प्रभारी ने कहा कि मेरे बैच के कई पुलिस अधिकारी विभिन्न जगहों में पदस्थ हंै। जो मेरे एक इशारे पर कार्रवाई करते हैं, मैं तुम लोगों की पत्रकारिता भुलवा दूंगा। थाना प्रभारी गोपाल सिकरवार के इशारे पर हमारे साथी पत्रकार पर भी खबर छापने पर गोहद चौराहा थाना क्षेत्रांतर्गत झूठी एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकद्दमा दर्ज करवाया। थाना प्रभारी ने पहले भी हमारे साथी पत्रकार को धमकी दी थी, जिसकी शिकायत हमारे साथी पत्रकार ने पुलिस अधीक्षक भिण्ड से की है। पुलिस अधीक्षक भिण्ड ने हमारे साथी पत्रकार की शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया, जिसके कारण हमारे साथी पत्रकार को थाना प्रभारी द्वारा शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है।
थाना प्रभारी गोपाल सिकरवार की मनमानी, अवैध उत्खनन, परिवहन व अवैध वसूली की बात समाचारों के माध्यम से जिले के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाई गई, मगर किसी भी अधिकारी ने कोई कार्रवाई करना उचित नहीं समझा। लोकतांत्रिक देश में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है तथा पत्रकरों को मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है, तो क्षेत्र के आम आदमी की आवाज को कोन सुनेगा व उसका क्या हाल होगा। थाना प्रभारी गोहद की कार्य पद्धति से ऐसा प्रतीत होता है कि इसी तरह के अधिकारियों की वजह से जनता की सेवा व रक्षा करने वाली पुलिस पर प्रश्नचिन्ह लगता है। पत्रकरों ने मांग की है कि पंकज तोमर पर दर्ज किए झूठे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच, पत्रकरों को धमकी दिलवाने वाले थाना प्रभारी पर विधि अनरूप कार्रवाई व गोहद में चल रहे अवैध उत्खनन, परिवहन व वसूली पर रोक लगाई जाए।