सागर, 14 जुलाई। विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश जिला सागर श्रीमती नीलम शुक्ला के न्यायालय ने नाबालिग के साथ जबरन दुष्कर्म करने वालेे आरोपी जितेन्द्र उर्फ जित्तू को दोषी करार देते हुए धारा 376(3) भादंसं में 20 वर्ष सश्रम कारावास व पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 3(1)(2)(आई) अनुजा/जजा (अत्याचार निवारण अधिनियम) के तहत तीन वर्ष सश्रम कारावास व 500 रुपए अर्थदण्ड, 3(2)(1) अजा/जजा (अत्याचार निवारण अधिनियम) के तहत आजीवन सश्रम कारावास व पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। न्यायालय ने बालिका को क्षतिपूर्ति के रूप में प्रतिकर चार लाख रुपए दिए जाने का आदेश भी दिया है। प्रकरण की पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्रीमती रिपा जैन एवं विवेचना डीएसपी अमृता दिवाकर ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता (पीडि़ता) ने 15 अक्टूबर 2020 को थाना मोतीनगर जिला सागर में एक लिखित आवेदन इस आशय का पेश किया कि 14 अक्टूबर को रात करीब 10 बजे बकरी गुम होने से वह अपनी भतीजी के साथ बकरी ढंूढने पानी की टंकी के पास भाग्योदय टपरियों में गई थी, उसी समय टंकी के पास रहने वाला अभियुक्त जित्तू ठाकुर जिसे वह पहली से जानती थी आया और अचानक उसका हाथ पकडक़र पुलिया में ले गया। अभियुक्त ने उसकी भतीजी को डराकर वहां से भगा दिया और उसके साथ जबददस्ती गलत काम किया। अभियुक्त ने घटना के बारे में किसी को बताने पर उसे व उसके घर वालों को जान से मारने की धमकी दी। इसी डर के कारण उसने रात में रिपोर्ट नहीं की तथा 15 अक्टूबर 2020 को अपनी मां के साथ पुलिस थाना जाकर रिपोर्ट की। उक्त अवेदन के आधार पर अभियुक्त जित्तू उर्फ जितेन्द्र के विरुद्ध अपराध क्र.959/2020 अंतर्गत धारा 376, 376(3), 506 भादंसं, धारा 3/4 पॉक्सो एक्ट 2012, धारा 3(1)(2)(आईआई), 3(2)(1-ए), 3(2)(1) अजा/जजा (अत्याचार निवारण अधिनियम 1989) के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख की जाकर प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया गया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती नीलम शुक्ला के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।