सागर, 14 जुलाई। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश जिला सागर श्रीमती नीलम शुक्ला के न्यायालय ने दोषी करार देते हुए नाबालिगा का पीछा करने वाले आरोपी संजू उर्फ सोनू यादव को धारा 354-डी में एक वर्ष सश्रम कारावास व 500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 3(2)(1-ए) अजा/जजा (अत्याचार निवारण अधिनियम) के तहत एक वर्ष सश्रम कारावास व 500 रुप अर्थदण्ड तथा सहयोग करने वाले आरोपी विनीता यादव को पॉक्सो एक्ट की धारा 17 के तहत एक वर्ष सश्रम कारावास व 500 रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्रीमती रिपा जैन ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता (पीडि़ता) ने तीन जुलाई 2021 को थाना राहतगढ़ जिला सागर में एक लिखित आवेदन इस आशय का पेश किया कि अभियुक्त संजू यादव उसके घर आता जाता है। उक्त दिनांक से करीब 15-20 दिन पहले से जब भी वह सुबह शौच करने व उसकी छोटी बहन एवं भाभी के साथ पानी भरने हैण्डपंप पर जाती थी तो अभियुक्त संजू बुरी नियत से उसका पीछा करता और बात करने के लिए कहता था, मना करने पर उसे व उसके परिवार वालों को जान से मारने की धमकी देने से उसने डर के कारण घर पर किसी को कुछ नहीं बताया। एक हफ्ते पहले उसकी छोटी बहन ने घर पर उसके माता-पिता और भैया भाभी को बताया था कि अभियुक्त संजू बुरी नियत से उसका पीछा करता है। दो जुलाई 2021 को सुबह करीब आठ बजे संजू यादव शराब पीकर उसके घर के बाहर खड़े होकर जातीसूचक गालियां दे रहा था, अभियुक्त ने उसका जातिगत अपमान किया। आवेदन के आधार पर अभियुक्त संजू यादव के विरुद्ध अपराध क्र.390/21 अंतर्गत धारा 354घ, 294, 506 भादंसं एवं धारा 3(1)(द), 3(1)(ध), 3(2)(1-ए), 3(1)(2)(आईआई) अजा/जजा (अत्याचार निवारण अधिनियम 1989) एवं धारा 11(4)/12 पॉक्सो एक्ट 2012 के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। पीडि़ता व अन्य साक्षीगण के कथनों में अभियोक्त्री विनीता यादव द्वारा घटना घटित करने हेतु दुष्प्रेरित किया जाना एवं बालिका को धमकी दिए जाने के आधार पर प्रकरण में अभियुक्त विनीता यादव के विरुद्ध धारा 109 भादंसं एवं धारा 16/17 पॉक्सो एक्ट का इजाफा किया गया। विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती नीलम शुक्ला के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।