प्रेम प्यार का मन्दिर नहीं, पराधीनता का कारागृह बन गया है : पुष्पदंत सागर

गणाचार्य पुष्पदंत सागर ससंघ का भिण्ड के लिए चल रहा है मंगल विहार

भिण्ड, 11 मार्च। आज प्रेम के नाम पर दम घुटता है, प्रेम प्यार का मन्दिर नहीं, पराधीनता का कारागृह बन गया है। प्रेम समर्पण नहीं स्वार्थ बन गया है, प्यार अनुदान नहीं आग्रह बन गया है। जब तक प्रेम समर्पण के साथ आकांक्षा, अधिकार, अहंकार रहेगा तब तक प्रेम कारागृह ही रहेगा। यह बात आचार्य पुष्पदंत सागर महाराज ने शनिवार को मालनपुर स्थित श्री दिगंबर महावीर जैन मन्दिर में मंगल प्रवेश के दौरान धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही।

गणाचार्य श्री पुष्पदंत सागर महाराज ने कहा कि आप संयुक्त परिवार में रहना पसंद नहीं करते, स्वतंत्र रहना चाहते हैं। संयुक्त परिवार में सुरक्षा है सुविधा नहीं। एकल परिवार में सुविधा है पर सुरक्षा नहीं। साधन है समाधान नहीं, संपदा है शांति नहीं। एकल रहने की भावना समस्या बन गई है। पति परिवार छोड़कर भागता है, पत्नी ससुराल को छोड़कर भागती है। आज स्वतंत्र रहने की समस्या है। बेटा, बाप से अजनबी बन जाता है।

मालनपुर जैन समाज ने गणाचार्य एवं आचार्यश्री की आगवानी की

जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन आदर्श कलम ने बताया कि ग्वालियर से पद विहार कर आज शनिवार को सुबह मालनपुर नगर में गणाचार्य श्री पुष्पदंत सागर महाराज एवं आचार्य श्री सौरभ सागर महाराज ससंघ की भव्य आगवानी मालनपुर जैन समाज ने बैण्डबाजों के साथ कि गई। वहीं गणाचार्य श्री पुष्पदंत सागर महाराज ससंघ दिगंबर जैन मन्दिर पर पहुंचने पर भगवान जिनेन्द्र के दर्शन के साथ जैन समाज के लोगों ने भगवान जिनेन्द्र का अभिषेक किया। ग्वालियर से पद मंगल विहार में राजेश लाला मित्र मण्डल, दिगंबर जैन युवा जागरण मंच ग्रेटर ग्वालियर के लोगों ने कराया। रविवार को मालनपुर से भिण्ड के लिए मंगल विहार करेंगे।