रामलीला में दर्शकों की जबरदस्त उमड़ रही भीड़, खचाखच भरा नजर आता मैदान
भिण्ड, 14 नवम्बर। ज्ञान मन्दिर रामलीला समिति आलमपुर द्वारा स्थानीय विजय मंच के पास आदर्श श्री रामलीला का आयोजन किया जा रहा है। रामलीला के दौरान चौथे दिन नगर दर्शन, धनुष यज्ञ सहित अन्य कई लीलाओं का शानदार मंचन किया गया। धनुष यज्ञ की लीला में भगवान श्रीराम के धनुष तोड़ते ही लोगों ने जय श्रीराम का जयकारा लगाया।
रामलीला मंचन के दौरान भगवान श्रीराम, लक्ष्मण एवं मुनि विश्वामित्र नगर दर्शन के उपरांत मिथिला नरेश राजा जनक जी के दरवार में पहुंचते हैं। जहां पर राजा जनक ने अपनी पुत्री सीता के विवाह के लिए स्वयंवर किया। शर्त रखी कि धनुष तोडऩे वाले से ही सीता का विवाह होगा। सीता स्वयंवर में अनेक देश के राजा महाराजा शामिल होते हैं। किन्तु भरी सभा में रखे धनुष को कोई नहीं उठा सका। राजा जनक व्याकुल हो उठते हैं। उनकी व्याकुलता देख मुनि विश्वामित्र ने अयोध्या के राजकुमार भगवान श्रीराम को धनुष तोडऩे का आदेश दिया। क्षण भर में ही भगवान श्रीराम ने धनुष को तोड़ दिया। ऐसे में सीता ने श्रीराम के गले में वरमाला डाल दी। समूचा रामलीला स्थल जय श्रीराम के उद्घोष और पटाखों की आवाज से गूंज उठा। महिलाएं मंगलगीत गाने लगीं।
इधर शिव धनुष के टूटने की आवाज सुन परशुराम क्रोधित अवस्था में राजा जनक के दरवार में पहुंच जाते हैं और फिर भरी सभा में लक्ष्मण और परशुराम के बीच संवाद शुरू होता है। ज्ञान मन्दिर रामलीला समिति आलमपुर द्वारा आयोजित रामलीला में सभी स्थानीय कलाकारों द्वारा शानदार अभिनय किया जा रहा है। जिस वजह से रामलीला देखने के लिए दर्शकों की जबरदस्त भीड़ एकत्रित हो रही है। समूचा रामलीला मैदान दर्शकों से खचाखच भरा दिखाई देता है। बीते शनिवार की रात्रि में संपन्न हुई धनुष यज्ञ की लीला के पश्वात रविवार को समूचे आलमपुर कस्बे में गाजे बाजे के साथ भगवान श्रीराम की भव्य शोभायात्रा निकाली गई है। जिसमें कमेटी के लोगों सहित कस्बे के लोग शामिल हुए। श्रीराम शोभायात्रा निकलने पर नगर के लोगों ने अपने अपने द्वार पर प्रभु श्रीराम का तिलक कर आरती उतारी और झांकी के दर्शन किए।