न्यायालय ले आरोपी पर छह हजार का जुर्माना भी लगाया
सागर, 30 अगस्त। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश तहसील-खुरई, जिला सागर श्री आशीष कुमार शुक्ला के न्यायालय ने नाबालिग अभियोक्त्री को बहला फुसलाकर ले जाने के अभियुक्त सुरेन्द्र पुत्र हुकुमचंद बालमीकि उम्र 20 वर्ष निवासी थाना अंतर्गत बीना, जिला सागर को धारा 363 भादंवि में तीन वर्ष सश्रम कारावास व पांच हजार रुपए अर्थदण्ड तथा धारा 506/2 भादंवि में छह माह के सश्रम कारावास व एक हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में राज्य शासन की ओर से पैरवी वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी वृंदा चौहान ने की।
मीडिया प्रभारी/ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी जिला सागर सौरभ डिम्हा के अनुसार घटना इस प्रकार है कि पांच नवंबर 2020 को अभियोक्त्री की मां ने अपने पति को फोन पर बताया कि अभियोक्त्री घर पर नहीं है, वह कहीं चली गई है। उन्होंने आस-पास की रिश्तेदारी में तलाश किया नहीं मिली। अभियोक्त्री के पिता ने थाना खिमलासा में गुमशुदा रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसे शक है कि अभियुक्त, अभियोक्त्री को बहला फुसलाकर कहीं ले गया है। गुम इंसान सूचना के आधार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान छह नवंबर 2020 को अभियोक्त्री को थाना सिटी कोतवाली विदिशा से बरामद किया गया। अभियोक्त्री के धारा 164 दंप्रसं के अंतर्गत कथन कराए गए। विवेचना के दौरान पाया गया कि अभियुक्त अभियोक्त्री को माता-पिता को जान से मारने की धमकी देकर पांच मिनिट बात करने का कहकर बीना ले गया था, बीना से भोपाल ले गया था एवं भोपाल में अभियुक्त अभियोक्त्री का घुमाता रहा। वापिस आते समय विदिशा पुलिस ने वाहन चैकिंग में अभियुक्त एवं अभियोक्त्री से पूछताछ की थी एवं पुलिस उनको थाना विदिशा ले गई थी। अभियुक्त अभियोक्त्री को मोबाइल पर मैसेज करता था और फ्रेंडशिप करने के लिए कहता था। साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना का नक्शा मौका तैयार किया गया। संपूर्ण विवेचना पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां विचारण के दौरान अभियोजन ने महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत किए। न्यायालय ने उभय पक्ष को सुना, अभियोजन द्वारा प्रस्तुत सबूतों और दलीलों से सहमत होते हुए मामला संदेह से परे प्रमाणित पाए जाने पर न्यायालय ने अभियुक्त सुरेन्द्र बालमीकि धारा 363 भादंवि के आरोप में तीन वर्ष के सश्रम कारावास व पांच हजार रुपए अर्थदण्ड तथा धारा 506/2 भादंवि के आरोप में छह माह के सश्रम कारावास व एक हजार रुपए जुर्माने का दण्डादेश पारित किया है।