अहिंसा के अवतार महावीर स्वामी रथ में सवार होकर निकाले
दो साल के बाद उमड़े रथयात्रा में समाजजन, जन्मे महावीर, झुलाया भक्तो में पालना, अभिषेक व जैन संतों के प्रवचन हुए
ग्वालियर,14 अप्रैल। कोरोना के चलते पिछली दो साल सादगी से मनाई जा रही। जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्मोत्सव इस बार भव्यता के साथ घरों से निकालकर सड़कों किसी प्रकार की बंदिशें न होने पर महावीर जंयती महोत्सव समिति एवं अखिल जैन समाज वृहत्तर ग्वालियर के तत्वावधान श्री 1008 भगवान महावीर स्वामी 2621वां जन्म कल्याणक महोत्सव पर गुरुवार को मेडिटेंशन गुरू विहसंत सागर एवं मुनि श्री विश्वसूर्य सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में देव, शास्त्र, गुरू की विशाल रथयात्रा गाजे-बाजे के साथ दौलतगंज जैन मन्दिर से निकाली गई। रथ यात्रा में श्रृद्धालु ने केशरिया टोपी पहनकर निकाले।
आयोजन समिति के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि देव शास्त्र, गुरू की विशाल रथयात्रा मुनि श्री विहसंत सागर महाराज व मुनि श्री विश्वसूर्य सागर महाराज के सानिध्य में गाजे-बाजे के साथ दौलतगंज जैन मन्दिर से प्रारंभ हुई। इस रथ यात्रा में सबसें आगे युवा जैन व्धजा लेकर एवं डीजे की धुन पर युवक और युवातियां नृत्य कर रहे थे। रथ यात्रा में जैन समाज की शाखाओं की महिलाएं रंग-बिरगी चुनरी व भक्ति गराब, डाडिया नृत्य के साथ महावीर के जन्म पर मां त्रिशला माता के लिए बधाईयां गा रही थीं। मुनिराज सभी भक्तो को अशीर्वाद देते हुए चल रहे थे। सबसे पीछे हाथी के रथ पर मां जिनवाणी और चांदी के रथ पर अहिंसा के अवतार महावीर स्वामी विराजमान थे। यह रथयात्रा दोलतगंज से प्रारंभ होकर पाटनकर चोराहे, राम मन्दिर, गस्त का ताजिया, डीडवाना ओली, सराफा बाजार, जीवाजी चौक, माधोगंज, बाड़ा, दानाओली से होती हुई नई सड़क स्थित चंपाबाग बागिची पहुंची। कार्यक्रम स्थल मे मेडिटेशन गुरू विहसंत सागर एवं मुनि श्री विश्वसूर्य सागर महाराज के सानिध्य में पं. चन्द्रप्रकाश जैन के मार्गदर्शन में भगवान महावीर का अभिषेक हुआ।
संस्थाओं ने जगह-जगह किया स्वागत
जिन मुख्यमार्गो से रथ यात्रा गुजरी जैन समाज और संस्थाओं ने अपने घर के द्वार पर भव्य रंगोली बनकर रथ की आगवानी के साथ मुनिराजों के पदा प्रक्षालन कर भगवान महावीर की भव्य आरती उतारी। रथ यात्रा स्वागत के लिए श्रृद्धालुओं ने जगह-जगह स्वल्पाहर, शीतल पेयजल की स्टॉल लगाकर पुष्प वर्षा कर आत्मिक स्वागत किया।
अहिंसा से बढ़कर कोई धर्म नहीं : विहसंत सागर
मेडिटेशन गुरू विहसंत सागर मुनिराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि महावीर स्वामी की अहिंसा महज हिंसा पर अंकुश नहीं है। यह छोटे से छोटे प्राणी के लिए प्रेम और करुणा की जीवन दृष्टि है। अहिंसा भारत की आत्मा है। विश्व प्रेम और विश्व शांति की धूरी है। अहिंसा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है, हिंसा से बढ़कर कोई पाप नहीं है। एक अहिंसा से जुडऩा धर्म के समस्त पहलुओं से जुड़ जाना है। अहिंसा की इबादत समग्र इंसानियत की इबादत है। इस अवसर पर मुनि श्री विश्वसूर्य सागर मौजूद थे। महोत्सव समिति मुख्य संयोजक निर्मल पाटनी, डॉ. वीरेन्द्र गंगवाल, अजित शास्त्री, अजित वरैया, महेन्द्र टोंग्या, बालचंद्र जैन, अनुराग जैन, विनय कासलीवाल, मुकेश जैन, पंकज बाकलीवाल, प्रवीण गंगवाल, धर्म वरैया, प्रवक्ता सचिन जैन सहित मुनिश्री के चरणों मे श्रीफल चरण कर आशीवार्द लिया। आभार संयोजक विनय कासलीवाल ने किया।
रात्रि में प्रभु गुणगान मेले में दीपों से महाआरती हुई, 2621 दीपक जलेंगे
महावीर जयंती महोत्सव समिति एवं अखिल जैन समाज वृहत्तर ग्वालियर के तत्वावधान में महाराज बाड़ा पर शाम को छह बजे से महाराज बड़े प्रभु गुणगान महोत्सव मेले का आयोजन हुआ। इसी दौरान मेले का शुभारंभ मंच का उद्घाटन महेन्द्र दीपक जैन व दीप प्रज्वलित अनिल माधवी शाह ने मुनि श्री विहसंत सागर महाराज के सानिध्य में किया।
मुनि श्री विहसंत सागर ने राष्ट्र के नाम अहिंसा ओर शाकाहार का संदेश दिया। कार्यक्रम संयोजक महेन्द्र जैन व संजीव अजमेरा ने स्वागत किया। चक्रेश सीमा जैन सहित लोगों ने हाथों में दीपक लेकर 1008 दीपों से भगवान महावीर स्वामी की महाआरती संगीतमय की। 20 फुट ऊंचे मंच भव्य भगवान महावीर स्वामी का प्रथम पालना डॉ अनिल जैन ने झुलाया व लोगो ने पहुंचकर झुलाया। पांच तरह की अलग अलग महावीर स्वामी के जीवन पर झांकिया लगाई गई।
आयोजन समिति के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि बाहर से आई सुप्रसिद्ध भजन गायक प्राची जैन मुंबई, रूपक जैन व दीपक जैन दिल्ली के संगीतकरों ने एक शाम महावीर के नाम भजन सांध्य में भक्त झूमे, 2621वें जन्म कल्याणक पर दीपक संस्थाओं की महिलाओं ने प्रज्वलित बैंकों की सीढिय़ों पर किए। महिलाओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए। सचालन महेन्द्र जैन एवं आभार मुख्य संयोजक निर्मल पाटनी ने व्यक्त किया।