सहकारिता मंत्री के नेतृत्व में समरसता समानता दिवस के रूप में मनेगी डॉ. अंबेडकर की जयंती

14 अप्रैल को कलश मैरिज गार्डन में होगा कार्यक्रम का आयोजन

भिण्ड, 12 अप्रैल। भारत रत्न संविधान के जनक डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती महोत्सव को समरसता समानता दिवस के रूप में मानने के लिए 14 अप्रैल को प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया द्वारा पुरानी रेल्वे लाइन रेंमजापुरा रोड पर स्थित कलश मैरिज गार्डन में सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी सहकारिता मंत्री के बड़े भाई देवेन्द्र सिंह भदौरिया ने आज पत्रकारों से चर्चा के दौरान दी।
भाजपा नेता देवेन्द्र सिंह भदौरिया ने बताया कि 14 अप्रैल को भारत रत्न संविधान के जनक डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती महोत्सव को समरसता समानता दिवस के रूप में मनाने का संकल्प लिया है। यह कार्यक्रम पुरानी रेल्वे लाइन रेंमजापुरा रोड पर स्थित कलश मैरिज गार्डन में होगा। जिसमें विभिन्न अंचल से लगभग 10 हजार लोगों की उपस्थिति की संभावना है, कार्यक्रम सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक आयोजित किया जाएगा। विकास पुरुष जनहितैषी सामाजिक समरसता के पुरोधा हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गरीब सर्वहारा वर्ग के मसीहा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मार्गदर्शन में इस जयंती महोत्सव को समरसता/ समानता दिवस के रूप में मनाने का निश्चय किया गया है। आज तक यह जयंती एक वर्ग विशेष के द्वारा ही मनाई जाती थी, इस बार भारत रत्न बाबा साहब की जयंती सभी वर्गों के लोगों द्वारा मनाने का निश्चय किया गया है।
वहीं प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा भारतीय संविधान लिखा गया हमारा भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है इसमें विभिन्न देशों के मूलतत्वों को समाहित किया गया है। संविधान द्वारा ही हमें संरक्षण एवं मौलिक अधिकार प्रदत्त है जिसमे सभी जीवों का नही अपति वन्य पौधों वनस्पतियों का संरक्षण भी होता है। इस जयंती महोत्सव के लिए अटेर क्षेत्र के सभी गांवों में बीजेपी मण्डल अध्यक्षों द्वारा पीले चावल एवं कलैण्डर देकर लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है। इस जी को मनाने का उद्देश्य समाज में आपस में भ्रातृत्व, समानता, समरसता की भावना जाग्रत करना है। बाबा साहब के तीन मूल मंत्र थे शिक्षित बनो, संगठित रहो एवं संघर्ष करो। इन मंत्रों के साथ समाज में बाबा साहय के आदर्शों पर चलकर इस समाज एवं राष्ट्र को नई गति, नया जीवन एवं नई तरुणाई प्रदान करना चाहते है। इस कार्यक्रम में सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को भी सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने अपने स्थित में महारथ हासिल की है या समाज में एकता एवं अखण्डता और विकास के लिए नए मापदण्ड अपनाए है। इस जयंती के माध्यम से हम ब की धरा से संपूर्ण देश में संदेश देना चाहते है कि चंबल की अस्लामी जो वीरता बलिदान और विजय के लिए जानी जाती है वह समरसता एवं भाईचारे के लिए भी जानी जाए, यह जयंती प्रत्येक वर्ष मेरे पूर्ण सामथ्र्य के अनुसार आजीवन बनाई जाएगी इसके लिए हम संकल्पित है।