भिण्ड, 02 अप्रैल। हिन्दी उर्दू साहित्य संगम मंच द्वारा हिन्दू नव वर्ष पर आदिवासी एवं पिछड़ी बस्तियों में कॉपी-पेंसिल गरीब बच्चों को नि:शुल्क वितरण की गई एवं शिक्षा के लिए जागरुक भी किया गया। जिसमें मंच के द्वारा गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देने का इंतजाम भी किया गया है।
हिन्दी-उर्दू साहित्य संगम मंच द्वारा बताया गया कि शिक्षा ही वह मास्टर चाबी है, जिस से दुनिया का हर ताला खुलता है हमें और आपको गरीबों को मजदूरों को किसानों को जरूरतमंदों को जो शिक्षा हासिल करने में किसी ना किसी कारण बस अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं, उन्हें मजबूत करने का काम करना चाहिए। मंच ने यह भी बताया कि दुनिया के सारे इंसानों को ह्यूमैनिटी के लिए काम करना चाहिए, यह हमारी जिम्मेदारी भी है और गरीबों का हम पर हक भी है। अगर हम शिक्षित होंगे तो दुनिया का कोई भी तबका हमारा शोषण नहीं कर सकता। ना ही हमें कोई तोड़ सकता है। देश को मजबूत करने के लिए एकता की और शिक्षा की बहुत जरूरत है हमें अपने भारत देश को मजबूत बनाने के लिए शिक्षा बहुत ही ज़रूरी है।