दृढ़ विश्वास से ही परमात्मा का मिलन संभव : मंगलेश्वरी देवी

दंदरौआ धाम में श्रीराम कथा में हो रहे हैं प्रवचन

भिण्ड, 27 मार्च। रामचरित मानस में रामजी को वीर बताया है, परंतु हनुमान जी को महावीर, जबकि ग्रंथ में मुख्य चरित्र रामजी का ही है। जो वीर को भी अपने बस में कर ले यानि कि जिसके गुणों का वर्णन करते हुए वीर रामजी भी न थके। हनुमानजी महाराज सही अर्थ में महावीर हैं। यह उद्गार श्रीश्री 1008 महामंडलेश्वर महंत रामदास महाराज के सानिध्य में दंदरौआ धाम में श्रीराम कथा में प्रवचन करते हुए मंगलेश्वरी देवी ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि इस संसार में सभी मनुष्य भगवान से मिलना चाहते हैं, भगवान के दर्शन करना चाहते हैं। भगवान की कथा भी श्रवण करते हैं लेकिन परमात्मा उसी को नहीं मिलता है जिस मनुष्य के पास दूसरे का विकल्प है, उस मनुष्य से परमात्मा अपनी दूरी बनाए रखता है और वह भगवान को नहीं पा पाता है, भगवान के दर्शन नहीं कर पाता है। लेकिन जिन मनुष्य के पास मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरों न कोई… मीरा जैसा दृढ़ विश्वास है उसी का परमात्मा से मिलन होता है। जो लोग भगवान पर मीरा जैसा दृढ़ विश्वास रखते हैं और भगवान को पाने की इच्छा रखते हंै वह मनुष्य भगवान को पा ही लेता है। कथा के मुख्य यजमान श्रीमती सरोज अशोक द्विवेदी हैं। श्रीराम कथा का आयोजन 24 मार्च से एक अप्रैल तक चलेगी। इस अवसर पर राधिकादास महाराज वृंदावन धाम, रामबरन पुजारी, दिनेश शास्त्री जयनगर चौकोटी, परमात्मादास महाराज, अभिषेक शास्त्री, जलज त्रिपाठी, सौरभ दुबे, नारायण व्यास सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।