रातापानी अभ्यारण्य क्षेत्र में आग लगाने वाले आरोपी को भेजा जेल

रायसेन, 05 मार्च। न्यायाधीश प्रथम श्रेणी गौहरगंज, जिला रायसेन श्री गौरव अग्रवाल के न्यायालय ने शनिवार को अपना निर्णय सुनाते हुए रातापानी अभ्यारण्य क्षेत्र में आग लगाने वाले आरोपी पतिराम पुत्र मोहनलाल उम्र 38 साल निवासी ग्राम सिलारी को जेल भेज दिया है। इस मामले में सहायक लोक अभियोजन अधिकारी जिला रायसेन ने लोकेन्द्र कुमार द्विवेदी ने शासन की ओर से पक्ष रखते हुए जमानत आवेदन का विरोध किया।
अभियोजन मीडिया प्रभारी जिला रायसेन श्रीमती किरण नंदकिशोर के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि इस संबंध में वन परिक्षेत्र विनेका अंतर्गत बीट उत्तर सिलारी के कक्ष क्र. आर.एफ.447 में कुछ लोगों द्वारा झाड़-झंखाड़ की सफाई कर आग लगाई गई। तभी मौके पर संबंधित क्षेत्र के बीट गार्ड सूरज सिंह ठाकुर सहयोगी वन अमले सहित मौके पर पहुंचे तो देखा की वन क्षेत्र में आग लगा दी गई है तो वे तत्काल आग बुझाने में लग गए। आग बुझाते बुझाते कुछ दूरी पर एक पेड़ के नीचे कुछ लोग बैठे दिखे, उनके पास जाकर अभयारण्य क्षेत्र में आने और उसी क्षेत्र में लगाई गई आग के विषय में उनसे पूछताछ की गई तो उनमें से एक आरोपी पतिराम पुत्र मोहनलाल निवासी सिलारी द्वारा जंगल में आग लगाना स्वीकार किया गया और वह वन अमले के साथ गाली गलौज करते व धमकाते हुए साथियों सहित वहां से भाग गया। भागते समय आरोपी पतिराम मौके पर ही माचिस को फेंकता गया, जिसे वन अमले द्वारा जब्त किया गया। साथ ही मौके पर झाड़ झंखाड़ को काटने में इस्तामाल की गई कुल्हाड़ी को जब्त किया। जांच के समय आवश्यक दस्तावेज तैयार कर आरोपी पतिराम एवं अन्य सह आरोपियों के विरुद्ध वन अपराध प्रकरण कायम किया गया। चार मार्च 2022 को आरोपी पतिराम को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। सहायक लोक अभियोजन अधिकारी द्विवेदी द्वारा आरोपी की ओर प्रस्तुत जमानत आवेदन का विरोध करते हुए न्यायालय में व्यक्त किया गया कि आरोपी एवं उसके साथियों द्वारा मूक एवं निरीह वन पशुओं के विरुद्ध गंभीर प्रकृति का अपराध किया जाना प्रथम दृष्ट या दर्शित होता है, और जमानत पर मुक्त किए जाने की दशा में अभियुक्त द्वारा पुन: इसी भांति का अपराध किए जाने की प्रबल संभावना है। इसलिए अभियुक्त को जमानत का लाभ प्रदान नहीं किया जाए। अभियोजन पक्ष की प्रस्तुत के आधार पर न्यायालय द्वारा आरोपी का कृत्य गंभीर प्रकृति का पाए जाने से आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त किया गया।