शाजापुर, 27 दिसम्बर। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश शुजालपुर के न्यायालय ने प्राणघातक चोट पहुंचाने वाले आरोपीगण असलम पुत्र नाबाज खां उम्र 22 वर्ष, निजाम पुत्र रऊफ खां उम्र 19 वर्ष, शरीफ हाजी पुत्र यूसूफ खां उम्र 65 वर्ष, सफेद पुत्र असरफ खां उम्र 35 वर्ष, छीतर पुत्र अशरफ खां उम्र 60 वर्ष, शमीर पुत्र हाजी रसूल खां उम्र 42 वर्ष, अकील पुत्र नबाज खां उम्र 25 वर्ष, रऊफ पुत्र काले खां उम्र 55 वर्ष, सईद पुत्र ईशाक खां उम्र 40 वर्ष, कामिल पुत्र नबाज खां उम्र 30 वर्ष, भूरे पुत्र युसूफ खां उम्र 60 वर्ष निवासीगण ग्राम डाबरी शुजालपुर, जिला शाजापुर के सभी आरोपीगण को धारा 148 भादंवि में एक वर्ष का सश्रम कारावास व 500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 324/149 भादंवि में एक-एक वर्ष का सश्रम कारावास व 500-500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 323/149 भादंवि में छह- छह माह का सश्रम कारावास व 500-500 रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। उक्त प्रकरण में अभियोजन की ओर से उपसंचालक अभियोजन शाजापुर सुश्री प्रेमलता सोलंकी के मार्गदर्शन में पैरवी अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी शुजालपुर संजय मोरे ने की।
सहायक जिला मीडिया प्रभारी/ एडीपीओ शुजालपुर संजय मोरे ने बताया कि 15 अक्टूबर 2013 को शाम 5:30 बजे फरियादी तथा उसका भाई मुवीन, रियासत, इम्त्याज, इमरान, रमजान ट्रेक्टर लेकर घर आए थे तभी आरोपीगण भूरे पुत्र यूसुफ खां, सईद पुत्र इसाक खां, रऊफ पुत्र काले खां, अकील पुत्र नबाज खां, कामिल पुत्र नबाज खां, समीर पुत्र रसूल खां, छीतर पुत्र असरफ खां, सफेद पुत्र असरफ खां, शरीफ हाजी पुत्र युसूफ हाजी, असलम पुत्र नाबाज खां अपने-अपने हाथो में लठ, फर्सी, तलवार लेकर एक साथ आए और बोले कि हमारी जमीन की मेड़ तोड़ दी, कह कर बोले जान से खत्म कर दो बचने न पाए, सभी ने मिलकर जान से मारने की नीयत से एकमत हेाकर लाठी, फर्सी, तलवार से मारने टूट पड़े। कमरूद्दीन (फरियादी) को छीतर खां ने फर्सी से प्राणघातक वार कर सिर में चोट पहुचाईं। भूरे खां, असलम खां, निजाम खां, शरीफ हाजी, अकील खां, शमीर खां, रऊफ खां, सईद खां, कामिल खां, सफेद खां ने फर्सी और लाठियों से आहतगण मुवीन खां, इम्त्याज खां, रियासत खां, इमरान खां पर हमला कर चोट पहुचाई। आरोपीगण जाते-जाते बोले की आज तो बच गए हो किसी दिन जान से खत्म कर देंगे। घटना की रिपोर्ट फरियादी ने थाना शुजालपुर की चौकी शुजालपुर मण्डी पर की थी बाद अनुसंधान आरोपीगण के विरुद्ध चालान सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय ने प्रकरण में संपूर्ण विचारण उपरांत अभियोजन साक्षीगण की साक्ष्य के आधार पर तथा अभियोजन अधिकारी के तर्कों से सहमत होते हुए आरोपीगण को दोषसिद्ध किया गया।