जमीन की फर्जी रजिस्ट्री करने वाले तीन आरोपियों को दो-दो वर्ष का सश्रम कारावास

सागर, 24 दिसम्बर। अपर एवं जिला सत्र न्यायाधीश देवरी, जिला सागर श्री राकेश कुमार ठाकुर के न्यायालय ने जमीन की फर्जी रजिस्ट्री करने वाले आरोपीगण लालसिंह, संतोष सिंह एवं मोहन सिंह निवासी जिला सागर को धारा 420, सहपठित धारा 120(ब) भादंवि में दो-दो वर्ष के सश्रम कारावास एवं एक-एक हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में विशेष लोक अभियोजक/ वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी लक्ष्मी प्रसाद कुर्मी ने राज्य शासन की ओर से पक्ष रखा।
मीडिया प्रभारी/ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी जिला सागर सौरभ डिम्हा के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादिया द्वारा पुलिस थाना गौरझामर में इस आशय कि रिपोर्ट लेख कराई गई कि साहब तथा उसका भाई मोहन सिंह दोनों तत्कालीन पटवारी हल्का नं.18 के रामरतन पटवारी से साजिश करके खसरा नं.182/2 एवं 185/3 रकवा 0.26, 002 हेक्टेयर जो कि सुहागरानी के नाम से उक्त जमीन है। उक्त जमीन का पट्टा लाल सिंह के नाम बनाकर फरियादिया को उक्त जमीन की रजिस्ट्री दो लाख 45 रुपए में कर दिया। फरियादिया जब उक्त रजिस्ट्रीकृत जमीन का प्रमाणीकरण कराने पटवारी के पास पहुंची तो पटवारी ने उक्त जमीन सुहागरानी के नाम से होना बताया। तब फरियादिया को मालूम पड़ा कि उक्त जमीन का फर्जी पट्टा एवं दस्तावेज आरोपी, पटवारी रामरतन के साथ मिलकर तैयार किया और आरोपी मोहन के साथ मिलकर फरियादिया को विश्वास में लेकर उसे उक्त विवादित जमीन का सौदा कराने में सक्रिय रूप से भाग लिया। तत्कालीन पटवारी रामरतन को उसके विरुद्ध विभागीय जांच करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था, जिसकी मृत्यु किसी बिमारी के कारण हो चुकी है। फरियादिया की उक्त रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किए। न्यायालय ने उभय पक्ष को सुना एवं प्रकरण के तथ्य, परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण लालसिंह, संतोष सिंह एवं मोहन सिंह को धारा 420, सहपठित धारा 120(ब) भादंवि में दो-दो वर्ष के सश्रम कारावास एवं एक-एक हजार रुपए के जुर्माने से दण्डित किया है।