कांग्रेस होती तो ना आशा दीदी का 3500 रुपया होता और ना ही लाडली बहना होती : सिंधिया

– केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने आशा-आंगनवाड़ी बहनों के साथ किया संवाद

अशोक नगर, 11 अक्टूबर। केन्द्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री तथा गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुंगावली में एक बेहद आत्मीय कार्यक्रम में भाग लिया, जहां उन्होंने आशा दीदी और आंगनवाड़ी बहनों के समर्पण को नमन किया। यह कार्यक्रम इन कर्मयोगिनियों के सम्मान में आयोजित किया गया था। उन्होंने आशा दीदी और आंगनबाड़ी बहनों को केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के बारे में बताया।
सिंधिया ने मंच पर उपस्थित आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ‘हर घर की पहली दुआ’ और ‘गांव में बच्चों के पहले कदमों की मार्गदर्शक’ बताते हुए कहा कि आप हर जीवन के हर पड़ाव पर साथी बन रही हैं। मेरी आशा दीदी सुबह-सुबह नवजात के टीकाकरण का रिमाइंडर देती हैं और गर्भवती मां के साथ अस्पताल तक खड़ी रहती हैं। दरअसल मेरी आशा दीदी में त्रिवेणी ईश्वर का संगम है, ये शांति और शक्ति के संगम का प्रतीक हैं। हमारी यह मातृशक्ति ही गांव की राह में उजाला ले आती है।
केन्द्र सरकार द्वारा आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दिया जा रहा सम्मान और सुरक्षा
विदित हे कि केन्द्र सरकार प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत इन बहनों को पूरी तरह मुफ्त में 4 लाख रुपए का बीमा सुरक्षा कवच प्रदान कर रही है। इस पर सिंधिया ने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी की संवेदनशील सोच है जो हमारी बहनों के सर पर सुरक्षा की छाया स्वयं दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि डब्ल्यूएचओ ने भी 2022 में आशा कार्यकर्ताओं को ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड से सम्मानित कर देश की सेवा भावना को विश्व मंच पर सराहा है।
सिंधिया परिवार की परंपरा माताओं-बहनों का सुरक्षा कवच
केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस अवसर पर अपनी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता भी जाहिर की। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार और आपका यह बेटा, हमारे तीनों जिलों की माताओं-बहनों और बेटियों का सुरक्षा कवच है। आपको सुरक्षा देना मेरा कर्तव्य भी है और धर्म भी। इसके साथ ही सिंधिया ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। सिंधिया ने कहा कि अगर कांग्रेस की दुष्ट सरकार होती तो ना आशा दीदी का 3500 रुपया होता और ना ही लाडली बहना होती।
उन्होंने अपनी दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया के शब्दों को याद करते हुए कहा कि जो हाथ एक शिशु के पालने को झुला सकते हैं वो हाथ विश्व पर राज भी कर सकते हैं। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने बताया कि उनकी निजी पहल से अशोकनगर में 929 बेटियों के सुकन्या समृद्धि योजना के खाते खुलवाए गए हैं । यह उनके बेटियों के सपनों का पहिया है। शिक्षा, शादी, उद्यम या व्यापार सहित हर मोड़ पर यह उनकी आर्थिक स्वायत्तता की पहली सीढ़ी बनेगा।
आपकी मुस्कान ही भारत की प्रेरणा है
सिंधिया ने अपनी आशा बहनों को हृदय से धन्यवाद दिया, जिन्होंने स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान को जन-जन का आंदोलन बना दिया। उन्होंने बताया कि उनकी मेहनत से देशभर में 18 लाख से अधिक स्वास्थ्य शिविर लगे और 6.5 करोड़ से भी ज्यादा महिलाओं को लाभ मिला। उन्होंने कहा कि मैं यहां उपस्थित हर आशा बहन, हर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, हर मां और बेटी से यही कहना चाहता हूं, आपका आत्मविश्वास ही भारत की शक्ति है, आपकी मुस्कान ही भारत की प्रेरणा है और आपकी उड़ान ही भारत का भविष्य है। साथ उन्होंने सभी बहनों के साथ संकल्प लिया कि हम हर बेटी को उसके सपनों की उड़ान देंगे, हर मां को सम्मान देंगे, और हर बहन को आत्मनिर्भर बनाएंगे। यही सच्चा नारी सशक्तिकरण है, यही नए भारत का स्वरूप है।