-चिडिया को भी बाज की तरह ताकतवर बना सकता है समर्थ गुरु : जैन
भिण्ड, 23 अगस्त। मानव सभ्यता का इतिहास लगातार ज्ञान और खोज की यात्रा है, जब से मनुष्य ने आकाश की ओर देखा है, तब से अंतरिक्ष के रहस्यों को जानने की जिज्ञासा उसके मन में रही है। इसी जिज्ञासा और वैज्ञानिक प्रयासों का परिणाम है कि आज हम अंतरिक्ष को समझने और वहां तक पहुंचने में सक्षम हो पाए हैं। अंतरिक्ष दिवस इसी महान उपलब्धि और वैज्ञानिक योगदान का प्रतीक है। यह बात भारत विकास परिषद शाखा जागृति के तत्वावधान चंद्रयान मिशन 3 के सफल होने से अंतरिक्ष दिवस पर आयोजित गुरु वंदन छात्र अभिनंदन कार्यक्रम के दौरान कुम्हरौआ रोड स्थित वेदांता इंटर नेशनल स्कूल में नगर समन्वयक धीरज शुक्ला ने कही।
उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलयान, चंद्रयान और सूर्य मिशन जैसे सफल प्रयोग किए हैं। अंतरिक्ष दिवस केवल एक स्मरण दिवस नहीं, बल्कि यह हमारी वैज्ञानिक यात्रा का उत्सव है। यह दिन हमें अंतरिक्ष की अनंत संभावनाओं का एहसास कराता है और भविष्य की पीढी को प्रेरित करता है कि वे विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे है।
गुरू एवं शिष्य के महत्व को और अधिक बताते हुए शाखा के वरिष्ठ सदस्य एवं पूर्व अध्यक्ष पवन जैन ने कहा कि समर्थ गुरु यदि चाहे तो अपने साधारण शिष्य को जो की चिडिया की भांति है उसे भी बलशाली बाज की तरह बना सकता है। हमारी सनातन सभ्यता में गुरुओं का विशेष स्थान है और समर्थ गुरुओं की एक लंबी परंपरा है जिन्होंने भारत देश को वैभवशाली बनाया है।
इस अवसर पर वेदांता इंटरनेशनल स्कूल के 9 मेधावी एवं अनुशासित छात्र-छात्राओं को मेडल एवं प्रमाण पत्र पहनकर शाखा के सदस्यों ने सम्मानित किया गया। वहीं ऐसे मेधावी छात्रों को तैयार करने वाले गुरुजनों को तिलक वंदन एवं माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में शाखा के अध्यक्ष गगन शर्मा, कैलाश नगरिया, कमलेश जुनेजा, राहुल यादव, ऊषा नगरिया, राजकुमार शर्मा, संस्था के शिक्षक शिक्षिकाएं एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।