उपजाऊ खेतों के बजाय बीहड़ से निकाला जाए एक्सप्रेस-वे

रानीपुरा के किसानों ने उपजाऊ जमीन से चंबल एक्सप्रेस-वे निकालने पर दर्ज कराया विरोध

भिण्ड, 11 नवम्बर। चंबल अटल एक्सप्रेस-वे को ग्राम बड़ेरी, बड़ापुरा, रानीपुरा एवं बरही इलाके में बीहड़ से न निकालते हुए उपजाऊ जमीन से निकाला जा रहा है। इस पर इन गांवों के किसान आपत्ति उठा रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को ग्राम रानीपुरा में आयोजित बैठक में किसानों ने पूरे जोर से आपत्ति दर्ज कराई है। मांग पूरी न किए जाने पर किसानों ने आत्महत्या तक की धमकी दी है।
चंबल एक्सप्रेस वे पर जहां केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा इसके निर्माण कार्य को शुरू कराने को लेकर तेजी बरती जा रही है। वहीं इसके निर्माण कार्य में आने वाली अड़चनें समाप्त होने का नाम नहीं ले रही हैं। दरअसल 8250 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला 404 किमी लंबा अटल चंबल एक्सप्रेस-वे के लिए राज्य सरकार द्वारा 1249 हेक्टेयर निजी जमीन का अधिग्रहण करना है। जिसके लिए सरकार द्वारा कवायद शुरू करते हुए भूमि मालिकों को मुआवजे के तौर पर दो गुना, जमीन आवंटित कराने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन ग्राम रानीपुरा व बरही के भूमि मालिक व ग्रामीणों द्वारा इसको लेकर विरोध दर्ज किया जा रहा है। जिसको लेकर प्रशासन द्वारा ग्राम रानीपुरा में गुरुवार को एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें एसडीएम उदय सिंह सिकरवार ने ग्रामवासियों की समस्याओं को सुना। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार द्वारा हमारी उपजाऊ जमीन के बदले मुआवजे के नाम पर नदी के बगल से बेहड़ की जो जमीन आवंटित की गई है, हम लोग उससे संतुष्ट नहीं हंै। क्योंकि अक्सर नदी में बाढ़ आने से वह जमीन बंजर हो जाती है। सरकार एक्सप्रेस-वे को खेतों के बदले बेहड़ से डाइवर्ट करके निकालें जिससे हमारा नुकसान ना हो, वहीं कुछ ग्रामीणों द्वारा सरकार द्वारा मांग पूरी न करने पर आत्महत्या तक करने की चेतावनी दी गई।