17वीं बटालियन में चल रही संगीतमय भागवत कथा के चौथे दिन वितरित किए 400 से अधिक तुलसी के पौधे
भिण्ड, 10 नवम्बर। नेहरू युवा केन्द्र भिण्ड ब्लॉक कोऑर्डिनेटर आशुतोष शर्मा नंदू व गायत्री परिवार, दीया ग्रुप भिण्ड से उसके अनुज आकाश शर्मा ने 17 बटालियन स्थित मां निरंजना धाम में चल रही संगीतमय भागवत कथा के चौथे दिन तुलसी के 400 से अधिक पौधे वितरित किए।
तुलसी का महत्व बताते हुए आशुतोष शर्मा नंदू ने कहा कि तुलसी का पौधा भगवान विष्णु को अतिप्रिय है, इसलिए उनकी पूजा में तुलसी का उपयोग किया जाता है। तुलसी के पत्ते के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है, तुलसी हमारे सनातन धर्म में सबसे श्रेष्ठ पौधा बताया गया है, धार्मिक कार्यों से लेकर औषधियों में भी शामिल है। इसकी शुभता जग व्याप्त है, इसलिए इसे अवश्य रोपित करना चाहिए। हमारे धर्म ग्रंथों की मान्यताओं में तुलसी को पौधा ही नहीं बल्कि देवी का स्वरूप बताया गया है। आधुनिक युग पर पर प्रकाश डाला जाए तो यह देखने को मिलता है कि वैज्ञानिकों ने भी तुलसी के पौधे का लोहा माना है। कोरोना काल में तुलसी के काढ़े ने हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कोरोना से लडऩे में मदद की।
व्यासपीठ पर विराजे विख्यात कथा वाचक पं. सेवाराम शास्त्री ने तुलसी की महिमा का विस्तार में सुवर्णन करते हुए लोगों को कई उदाहरण के माध्यम से बताया कि हमें तुलसी का पौधा अपने घर के आंगन में अवश्य लगाना चाहिए। यह हमारी पहचान व परंपरा भी है। हमारे समाज के लोग पाश्चात्य सभ्यता की ओर बढ़ते जा रहे हैं, ऐसे पौधे लगा रहे हैं जिनका कोई लाभ नहीं है। हमें तुलसी आदि वनस्पतियों के पौधे लगाने चाहिए, वे हमें 24 घण्टे ऑक्सीजन के साथ-साथ हमारे शरीर को भी पुष्ट करते हैं, जिससे हमारी जीवनशैली को अच्छा प्रभाव पड़ता है। पंडाल में विराजे श्रुति श्रोताओं ने हाथ उठाकर प्रण लिया कि हम सभी अपने घर आंगन में तुलसी का एक पौधा अवश्य लगाएंगे तथा नित्य प्रतिदिन उसकी देख भाल करेंगे। कथा में पधारे महामण्डलेश्वर श्री 1008 सत्यानंद जी महाराज गोवर्धन धाम, संत, महंत, शास्त्री, महात्माओं ने अपने आशीष वचनों से सभी भक्तों और श्रोताओं को कृतार्थ किया।