ग्वालियर, 10 मई। मुख्य न्यायाधिपति/ मुख्य संरक्षक मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशन तथा न्यायमूर्ति आनंद पाठक प्रशासनिक न्यायाधिपति मप्र उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के मार्गदर्शन में शनिवार को मप्र उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण हेतु न्यायाधिपति आनंद पाठक व सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. एसके माथुर, न्यायाधिपति हृदेश व सामाजिक कार्यकर्ता आशा मगोन की कुल 2 खण्डपीठों द्वारा आपसी सहमति के आधार पर कुल 290 प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा मोटर दुर्घटना क्लेम अपील प्रकरणों में पीडित पक्षकारों को राशि तीन करोड 13 लाख 10 हजार रुपए अतिरिक्त क्षतिधन के रूप में प्राप्त हुए।
मप्र उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार/ सचिव राजीव के. पाल ने बताया है कि लोक अदालत का मूल उद्देश्य आपसी वैमनस्यता एवं विवादों का आपसी सहमति व राजीनामा के आधार पर प्रकरणों का निराकरण करना है, जिस कारण उभयपक्ष के मध्य विद्यमान विवाद बिना किसी की हार-जीत के साथ समाप्त हो। इसी मूल भावना को आधार बनाकर नेशनल लोक अदालत के पूर्व न्यायमूर्ति आनंद पाठक, प्रशासनिक न्यायाधिपति मप्र उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के मार्गदर्शन में उच्च न्यायालय में विचाराधीन राजीनामा योग्य प्रकरणों मुख्यत: बीमा कंपनी के प्रकरणों को चिन्हित कर सूची तैयार की गई, तत्पश्चात बीमा कंपनी के अधिकारी/ अधिवक्तागण तथा पक्षकार व उनके अधिवक्तागण के साथ विभिन्न दिनांकों को प्री-सिटिंग आयोजित की जाकर राजीनामा के आधार पर प्रकरणों के निराकरण हेतु उभयपक्ष में सहमति बनाई गई, जिसके फलस्वरूप 190 क्लेम प्रकरणों सहित कुल 290 प्रकरणों का उक्त लोक अदालत में निराकरण किया गया है।