मर्सी होम का समाज के सहयोग से हो रहा है कायाकल्प

* मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों की मदद के लिए बढ रहे हैं हाथ
* संभाग आयुक्त की धर्मपत्नी रुचि खत्री ने मर्सी होम के बच्चों को यूनीफॉर्म वितरित कीं
* उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में कलेक्टर चौहान ने की विशेष पहल

ग्वालियर, 05 मई। मर्सी होम में निवासरत मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों को साफ-सुथरा व आकर्षक प्रेरणादायी वातावरण मिले, इस उद्देश्य से यहां के संपूर्ण परिसर का कायाकल्प किया जा रहा है। उच्च न्यायालय द्वारा बाल देख-रेख संस्थाओं के बच्चों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के संबंध में दिए गए आदेश के पालन में जिला प्रशासन की पहल पर समाज के सहयोग से मर्सी होम का सौंदर्यीकरण व कायाकल्प हो रहा है। कलेक्टर रुचिका चौहान इस काम पर स्वयं नजर रख रही हैं।
संभाग आयुक्त मनोज खत्री की धर्मपत्नी रुचि खत्री सोमवार को कलेक्टर चिका चौहान के साथ मर्सी होम पहुंचीं और यहां के रहवासी बच्चों को यूनीफॉर्म व परिधान वितरित किए। कलेक्टर ने बताया कि मर्सी होम के रहवासी बच्चे अच्छे स्कूलों की तर्ज पर एक समान यूनीफॉर्म में रहें। इस उद्देश्य से समाजसेवियों के सहयोग से यहां के बच्चों को कपडे उपलब्ध कराने की पहल हुई है। बहुत से सेवाभावी नागरिक स्वेच्छा से इस काम में सहयोग के लिए आगे आए हैं।
कलेक्टर चौहान ने बताया कि मर्सी होम परिसर की दीवारों का रंग-रोगन कर व आकर्षक एवं प्रेरणादायी पेंटिंग कर सजाया व संवारा जा रहा है। दीवारों पर इस प्रकार की पेंटिंग बनाई जा रही हैं, जिससे मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों में आत्मविश्वास की भावना जागृत हो। बाल देख-रेख संस्थाओं में रह रहे बच्चों को अवसाद की स्थिति से निकालने के तथा उन्हें यह महसूस करवाने के लिए समाज ने उन्हें अलग-थलग नहीं किया है। आप सब भी समाज की मुख्य धारा में समाहित होने के लिए हर तरह से काबिल हैं। इस उद्देश्य से ग्वालियर जिले में प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। कलेक्टर चौहान ने ऐसे बच्चों की आवश्यक सहायता तथा सहयोग के लिए समाज के जिम्मेदार और साधन सम्पन्न व्यक्तियों का सहयोग लेने के लिए विभागीय अधिकारियों से कहा है। समाज के प्रभावशाली व्यक्तियों में प्रशासनिक अधिकारी, चार्टड अकाउंटेंट, डॉक्टर, वकील व पेशेवर व्यवसायी हो सकते हैं। समाज के प्रभावशाली व्यक्तियों को बाल देख-रेख संस्थाओं के बच्चों की जरूरतों व उनके विकास में सहयोग करने की जिम्मेदारी दिलाने के प्रयास किए जाएंगे। प्रयास ऐसे होंगे, जिससे जरूरतमंद बच्चों का जीवन स्तर ऊंचा उठे और उन्हें खुशहाल जीवन जीने के लिए अच्छा माहौल मिले।