सुरक्षित मातृत्व का मतलब है गर्भावस्था के दौरान गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना : डॉ. प्रतिमा

-राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस पर सुप्रयास ने आयोजित किया जागरूकता एवं स्वास्थ्य प्रशिक्षण शिविर

भिण्ड, 11 अप्रैल। सुरक्षित मातृत्व का मतलब है गर्भवती महिलाओं और नई माताओं को सुरक्षित और स्वस्थ गर्भावस्था और प्रसव का अनुभव सुनिश्चित करने के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। जिससे प्रसव के बाद होने वाले रक्त स्त्राव, प्री-एक्लेमप्सिया, सेप्सिस और बाधित की परेशानियों को दूर कर सकें। यह बात जामना की कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर डॉ. प्रतिमा बघेल ने जामना रोड सरसई का पुरा स्थित एमवीके अकैडमी में सामाजिक संस्था सुप्रयास द्वारा आयोजित सुरक्षित मातृत्व शिविर में कही।
गर्भवती और नई माताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सुरक्षित मातृत्व का उद्देश्य महिलाओं को प्रसवपूर्व देखभाल, कुशल प्रसव परिचारिकाओं, आपातकालीन प्रसूति देखभाल और प्रसवोत्तर देखभाल तक पहुंच प्रदान करके मातृ मृत्युदर को कम करना और मातृ स्वास्थ्य में सुधार करना है। ये सेवाएं मातृ और शिशु मृत्यु को रोकने, माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार करने और लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण को बढावा देने के लिए आवश्यक हैं।
बबेडी की सीएचओ डॉ. प्रियंका मिश्रा ने बताया कि गर्भवती और नई माताओं के बीच सुरक्षित मातृत्व को बढावा देने के लिए नियमित प्रसवपूर्व देखभाल से जटिलताओं की शीघ्र पहचान और प्रबंधन में मदद मिल सकती है तथा स्वस्थ गर्भावस्था परिणामों को बढावा मिल सकता है। प्रसव के समय एक कुशल स्वास्थ्य कार्यकर्ता की उपस्थिति से मातृ एवं नवजात मृत्यु दर के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। प्रसव के दौरान उत्पन्न होने वाली जटिलताओं के प्रबंधन के लिए आपातकालीन देखभाल तक पहुंच महत्वपूर्ण है।
जिला चिकित्सालय में आईसीटीसी परामर्शदाता सीमा जैन ने कहा कि गर्भावस्था के पूर्व, दौरान तथा पश्चात एक स्त्री के शरीर और मन दोनों में परिवर्तन आते हैं। इन परिवर्तनों के लिए उसे स्त्री को भी तैयार होना होता है और उसके परिवार को भी तैयार होना होता है। गर्भावस्था में शरीर के खान-पान नींद आदि कार्यक्रमों में परिवर्तन होते हैं, जिससे कुछ जटिलताएं हो जाती हैं। ओपन जाटलताओं से निपटने के लिए परिवार के परामर्श की बहुत आवश्यकता होती है।
सुप्रयास के सचिव डॉ. मनोज जैन ने कहा कि प्रसव पूर्व देखभाल स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को गर्भवती माताओं को गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ व्यवहार, जैसे उचित पोषण, व्यायाम और तनाव प्रबंधन के बारे में शिक्षित करने का अवसर प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में टेली कंसल्टेशन से गर्भवती माताओं को स्वास्थ्य सेवा केन्द्र तक जाने की आवश्यकता के बिना अपने घर पर ही गर्भावस्था परामर्श प्राप्त करने की सुविधा मिल सकती है। यह ग्रामीण या दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं, गतिशीलता संबंधी समस्याओं वाली महिलाओं या उन महिलाओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है, जिन्हें व्यक्तिगत रूप से अपॉइंटमेंट के लिए काम से समय निकालने में कठिनाई होती है। आभार प्रदर्शन स्वास्थ्य कार्यकर्ता नीरज जयंत ने किया।