गुरु के मार्गदर्शन से हम आत्मिक रूप में अपने सच्चे स्वरूप को जान पाते हैं : संत राजिंदर सिंह

-संतश्री के सत्संग व नामदान कार्यक्रम में उमडी श्रद्धालुओं की भीड

भिण्ड, 11 अप्रैल। सावन कृपाल रूहानी मिशन के अध्यक्ष संत राजिंदर सिंह महाराज के सत्संग प्रवचन के दौरान गत दिवस शहर के मेला ग्राउण्ड के सामने स्थित मेडिकल कॉलेज ग्राउण्ड में हजारों लोग एकत्रित हुए। संतश्री की एक दिवसीय यात्रा का यह महत्वपूर्ण आध्यात्मिक अवसर था। इस मौके पर विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाहा ने संतश्री का फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। सत्संग की शुरुआत में माता रीटा जी ने संत नामदेव महाराज की वाणी से एक शब्द जय गुरुदेव त मिले मुरारी… के गायन से हुई।
संत राजिन्ंदर सिंह महाराज ने अपने सत्संग में गुरु की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि किस प्रकार एक पूर्ण आध्यात्मिक गुरु के चरण-कमलों में पहुंचकर तथा उनसे आध्यात्मिक दीक्षा प्राप्त करके हम सांसारिक जीवन की चुनौतियों पर विजय पाकर अपने जीवन के मुख्य उद्देश्य प्रभु-प्राप्ति को प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने संत नामदेव महाराज के शब्द की व्याख्या करते हुए एक पूर्ण आध्यात्मिक गुरु की खोज करने पर जोर देते हुए कहा कि वे ही हमारी आंतरिक और बाहरी दुनिया दोनों में हमारे मार्गदर्शक और रक्षक होते हैं। केवल एक पूर्ण गुरु की शरण में जाकर ही हमें इस सच्चाई का पता लगता है।


उन्होंने बताया कि जब हम किसी पूर्ण गुरु से आध्यात्मिक दीक्षा का उपहार प्राप्त करते हैं, तो हमें अपने अंतर में प्रभु के दिव्य-प्रेम और प्रकाश का अनुभव होता है। एक पूर्ण गुरु के मार्गदर्शन से हम आत्मिक रूप में अपने सच्चे स्वरूप को जान पाते हैं। एक पूर्ण गुरु ही हमें अपने जीवन के मुख्य उद्देश्य को समझने में मदद करते हैं। वे हमें ध्यान-अभ्यास की विधि सिखाकर आंतरिक आध्यात्मिक यात्रा पर निकलने में हमारी मदद करते हैं ताकि हम यह अनुभव कर सकें कि मनुष्य जीवन ही हमारी आत्मा के लिए अपने सच्चे घर लौटने का एक दुर्लभ अवसर है। एक पूर्ण गुरु से ही हम सांसारिक मोह पर काबू पाने, डर और संदेह से ऊपर उठने और जन्म-मरण के चक्र से मुक्त होने के लिए ताकत प्रदान करते हैं।
सत्सग के अंत में परम पूजनीय संत राजिंदर सिंह महाराज ने कहा कि यदि हमें अपने जीवन के सर्वोच्च उद्देश्य को पूरा करना है तो यह जरूरी है कि हम एक पूर्ण आध्यात्मिक गुरु की शरण में जाएं और उनसे मार्गदर्शन प्राप्त करें। सत्संग के उपरांत संत राजिंदर सिंह महाराज ने सैकडों लोगों को नामदान (आध्यात्मिक दीक्षा) प्रदान की। कार्यक्रम के दौरान सावन कृपाल रूहानी मिशन की भिण्ड शाखा की ओर से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें कई भाई-बहनों ने स्वेच्छा से रक्तदान किया। इसके साथ ही साथ मुफ्त वस्त्र-वितरण शिविर में जरूरतमंदों को वस्त्र, पुस्तकें और जूते आदि का वितरण किया गया।
यहा बता दें संत राजिंदर सिंह महाराज को ध्यान-अभ्यास के माध्यम से आंतरिक और बाहरी शांति को बढावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। सावन कृपाल रूहानी मिशन के आज संपूर्ण विश्व में 3200 से अधिक केन्द्र स्थापित हैं। मिशन का भारतीय मुख्यालय विजय नगर, दिल्ली में है तथा अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय नेपरविले, शिकागो, अमेरिका में स्थित है।