भिण्ड, 08 मार्च। अनुभाग गोहद में कानून व्यवस्था पर कोई अंकुश नहीं है, चोरियां हो रही हंै, लूट हत्याएं भी जारी हैं। दलित उत्पीडन की घटना बीते दिसंबर में बरोना गांव में घटी एक दलित को गुण्डों द्वारा डीजल छिडक कर कर जान से खत्म करने का प्रयास किया गया था। उसके हमलावर पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सके हैं। पट्टेधारियों की जमीन को असरदार जोत रहे हैं। बारंटी पकडे नहीं जा रहे हैं, महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।
जनता में पुलिस को लेकर निष्क्रियता के कारण आक्रोश है। इन्हीं सवालों को लेकर 24 फरवरी को गोहद एसडीओपी के नाम ज्ञापन दिया गया था। जिसमें समय सीमा में समाधान नहीं निकाले जाने पर दलित शोषण मुक्ति मंच भिण्ड द्वारा आंदोलनात्मक कदम उठाए जाने की चेतावनी दी गई थी। पर कुछ नहीं हुआ तो दलित संगठनों ने मिलकर 11 मार्च को गोहद एसडीओपी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन का फैसला किया गया था। इसी कडी में तैयारी जारी है। गोहद के नए बस स्टेंड अम्बेडकर पार्क से 12 बजे सैकडों लोग पैदल मार्च कर एसडीओपी कार्यालय पहुंच कर प्रदर्शन कर ज्ञापन देंगे। पर्चे वितरित कर लोगों से आंदोलन में पहुंचने की अपील की जा रही है। बैठकें भी हो रही हैं।
इसकी तैयारी में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष प्रेम नारायण माहौर, किसान सभा जिला सचिव राजेश शर्मा, मालनपुर के किसान नेता बीरेन्द्र कुशवाह, उपाध्यक्ष राजेन्द्र कुशवाह, डीबाय एफआई नेता भूपेन्द्र सिंह गुर्जर, कोली समाज जागृति महासभा प्रदेश मंत्री मोतीराम माहौर, जिला अध्यक्ष राकेश कोली, सीटू के श्रीलाल माहौर, साबित्री बाई फुले आस्था मंच से एडवोकेट रामस्वरूप कुशवाह पूरी तरह से लगे हुए हैं। महिला समिति ने भी समर्थन व्यक्त किया है। तमाम संगठनों के नेताओं ने पुलिस प्रशासन के विरोध स्वरूप 11 मार्च के आंदोलन को सफल बनाने की अपील की है।